Retired Sub-Inspector Murder: तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की सुरक्षा में शामिल रहे रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर की मंगलवार (18 मार्च, 2025) को तिरुनेलवेली में भूमि विवाद के चलते हत्या कर दी गई. 64 वर्षीय जाकिर हुसैन नमाज पढ़ने के बाद अपनी मोटरसाइकिल से घर जा रहे थे तभी हमलावरों ने उन्हें उनकी गाड़ी से खींच लिया और उनके सिर पर तब तक वार किए जब तक कि वे खून से लथपथ नहीं हो गए.
हादसे के समय राहगीरों ने चीख-पुकार मचाई और फिर पुलिस को सूचना दी गई तो हत्यारे भाग गए, लेकिन जाकिर हुसैन ने पहले ही इसकी भविष्यवाणी कर दी थी. हाल ही में सोशल मीडिया पर जारी किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा कि उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया. हुसैन को जानने वाले तिरुनेलवेली के एक रिटायर्ड अधिकारी ने कहा, “उन्होंने सिस्टम को अंदर से काम करते देखा था. उन्हें यह भी पता था कि यह कब विफल हो जाएगा.” हत्या से कुछ दिन पहले हुसैन ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें उसने कहा था कि उसे मार दिया जाएगा और यह भी भविष्यवाणी की थी कि हमलावर कौन हो सकते हैं.
किस जमीन को लेकर था विवाद?
भूमि विवाद तिरुनेलवेली शहर में एक पुरानी दरगाह के पास 36 सेंट की जमीन को लेकर था. हुसैन मूर्तिम जरखान दरगाह के प्रशासक थे और नूरुन्निसा नामक उसी शहर की एक महिला से जमीन वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे, जिसके पास यह जमीन थी और उसका दावा था कि उसे यह जमीन अपनी दादी से विरासत में मिली है. उसने आठ साल पहले दलित कृष्णमूर्ति से शादी की थी. शादी के बाद इस्लाम धर्म अपनाने के बाद उसने अपना नाम मोहम्मद तौफीक (32) रख लिया.
एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सीनियर अधिकारी ने बताया, “यह विवाद 2022 से चल रहा है. हुसैन ने कहा कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है. नूरुन्निसा और तौफीक ने कहा कि यह उनके परिवार की है. पिछले साल, मामला और बढ़ गया. दिसंबर में तौफीक और नूरुन्निसा ने हुसैन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर उत्पीड़न और अवैध कब्जे का आरोप लगाया गया. पुलिस ने हुसैन पर एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.”
वीडियो में बताया था जान का खतरा
जाकिर हुसैन ने जिला कलेक्टर और कमिश्नर के पास तौफीक परिवार और दो अधिकारियों-पुलिस निरीक्षक गोपाल कृष्णन और सहायक आयुक्त सेंथिल कुमार के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम जोड़ने के लिए जवाबी शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने वीडियो जारी किया और कहा कि उनके खिलाफ मामला एक जाल है और दोनों पुलिस अधिकारी उन लोगों का पक्ष ले रहे हैं, जो उन्हें मारना चाहते थे. इसको लेकर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. फिर फरवरी में उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया. उन्होंने कहा कि उनकी जान को खतरा है, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी.
पुलिस ने भी शिकायतों को किया नजरअंदाज
मंगलवार को हत्या के बाद, हुसैन के परिवार ने तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज अस्पताल से उनका शव लेने से इनकार कर दिया. उनके रिश्तेदार और समर्थक न्याय की मांग करते हुए एकत्र हुए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया है. दोपहर तक, दो लोगों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया-कार्तिक और अकबर शाह-तौफीक के भाई और बहनोई. बुधवार (19 मार्च, 2025) को पुलिस ने तिरुनेलवेली शहर के बाहरी इलाके से तोफीक को ट्रैक किया, जब उन्होंने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की तो वह भाग गया. पुलिस ने उसे रोकने के लिए गोली चलाई और उसके पैर में गोली लगी. उसकी पत्नी नूरुन्निसा अभी भी लापता है.
क्या बोले अधिकारी?
एक अधिकारी ने कहा, “यह एक बड़ी चूक है. स्थानीय पुलिस ने हुसैन की शिकायतों और वीडियो को नजरअंदाज कर दिया. इंस्पेक्टर कृष्णन को निलंबित कर दिया गया है और सहायक आयुक्त कुमार के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.”
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