स्टेडियम में फ्री एंट्री, मौके पर एंबुलेंस की भारी कमी… बेंगलुरु भगदड़ हादसे पर हाई कोर्ट में

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RCB Victory Parade Stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचा. सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में जांच कर रहे हैं जिससे कि पता लगाया जा सके कि आखिर चूक कहां हुई है. राज्य सरकार के वकील ने कहा कि पुलिस ने अपनी तरफ से शहर भर में पूरे इंतजाम किए थे, लेकिन अचानक के स्टेडियम के बाहर करीब ढाई लाख लोग पहुंच गए. 
घटनास्थल पर एंबुलेंस की भारी कमी
इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई तो वहीं 56 लोग घायल हो गए हैं. मरने वालों में 5 महिलाएं और छह पुरुष हैं. कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामालों का sop तैयार रहना चाहिए. जिस पर सरकार के वकील ने कहा कि यही कोशिश की जा रही है कि भविष्य में इस तरीके की घटना दोबरा न हो. कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या जितनी एंबुलेंस की जरूरत थी उतनी संख्या में थी. वकील ने कहा कि जितनी संख्या में एंबुलेंस की जरूरत थी उतनी तो नहीं थी.
स्टेडियम में थी फ्री एंट्री इसलिए जुटी भीड़
सरकार के वकील ने कहा, “स्टेडियम की क्षमता 30,000 से 35,000 लोगों की थी जबकि स्टेडियम के बाहर ढाई लाख लोग मौजूद थे. हर कोई अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, क्योंकि अंदर की एंट्री फ्री थी. इस घटना के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मजिस्ट्रेट जांच चल रही है 15 दिनों में रिपोर्ट सामने आ जाएगी. जिन 11 लोगों की मौत हुई है वह सभी स्टेडियम के बाहर हुई है. प्रमुख तौर पर तीन गेटों के सामने बहुत भीड़ आ चुकी थी. हालांकि स्टेडियम में कुल 21 गेट हैं.”
जांच जारी है दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई- सरकार
कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या सभी 21 गेट खुले हुए थे? सरकार के वकील ने कहा, “हमारी जानकारी के मुताबिक हां बाकी जांच में तथ्य सामने आएंगे. जांच जारी है मामले में जो भी दोषी होगा या जिसकी भी गलती पाई जाएगी सबके खिलाफ कार्रवाई होगी. खुद मुख्यमंत्री ने भी अपने पहले बयान में घटना पर दुख जताने के साथ ही तुरंत मुआवजे का भी ऐलान किया.” इस बीच जांच टीम ने भी अपनी जांच को आगे बढ़ा दिया है और लोगों से भी अपील की है कि अगर उनके पास इस घटना से जुड़ी हुई कोई भी जानकारी है तो वह जांच टीम के साथ साझा करें. 
कोर्ट में मौजूद दूसरे वकील जिन्होंने आज की याचिका दायर की है उन्होंने सरकार के वकील से कई सवाल पूछे.

खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसका था राज्य सरकार का या फिर क्रिकेट एसोसिएशन का?
ऐसे खिलाड़ी जो देश या राज्य के लिए नहीं खेले क्या उनको सम्मानित करना जरूरी था?
आखिर कार्यक्रम विधानसभा और चिन्नास्वामी स्टेडियम में दो जगह क्यों किया गया?
इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए थे?

10 जून को होगी अगली सुनवाई
एक दूसरे वकील ने कहा, “स्टेडियम में फ्री एंट्री की जो घोषणा फ्रेंचाइजी आरसीबी की तरफ से की गई थी. इस दौरान स्टेडियम के सिर्फ तीन गेट ही खुले हुए थे. कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेंगे. कोर्ट में मौजूद एक वरिष्ठ वकील ने कहा, “इस मामले में जिन लोगों के ऊपर आरोप है वही जांच कमेटी का हिस्सा हैं. कोर्ट को इस मामले में एक स्वतंत्र जांच कमेटी बनानी चाहिए.” कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई मंगलवार (10 जून 2025) को होगी.

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