राजस्थान में भीषण गर्मी के कारण पानी की किल्लत गंभीर समस्या बन जाती है। इसे देखते हुए जलदाय विभाग ने एक विशेष कंटिनजेंसी प्लान तैयार किया है। इसके तहत प्रत्येक जिले को 1 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसे जिला कलेक्टरों की सिफारिश पर आवश्यकतानुसार खर्च किया जाएगा।
समयबद्ध कार्यों के निर्देश
जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्वीकृत कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए, ताकि गर्मी के मौसम में प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। किसी जिले में अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होने पर सक्षम स्तर पर विचार किया जाएगा।
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वाहनों की तैनाती और निगरानी व्यवस्था
पेयजल आपूर्ति की सुचारू निगरानी के लिए मार्च 2025 में 100 वाहन, 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 400 अतिरिक्त वाहन और 1 मई से 31 जुलाई तक 450 किराये के वाहन स्वीकृत किए गए हैं। इनका उपयोग हैंडपंप मरम्मत, जलापूर्ति परियोजनाओं और निगरानी कार्यों में किया जाएगा।
संविदा श्रमिकों की नियुक्ति
जलापूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए विभिन्न समयावधि में संविदा श्रमिकों की तैनाती की गई है—
मार्च 2025 में 500 संविदा श्रमिक
1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 2,000 संविदा श्रमिक
1 मई से 31 जुलाई तक 2,500 संविदा श्रमिक
इन श्रमिकों को हैंडपंप मरम्मत एवं जलापूर्ति कार्यों में लगाया जाएगा।
निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की पहल
राज्य में बढ़ती गर्मी के दौरान पेयजल संकट को कम करने के लिए जलदाय विभाग का यह कंटिनजेंसी प्लान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे नागरिकों को निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।