भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार आज बुधवार 7 मई को जिला प्रशासन की ओर से मॉक ड्रिल की जाएगी। इसकी तैयारियों को लेकर जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा और पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र में बैठक ली। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमले को दौरान खुद को कैसे सुरक्षित रखें, ब्लैक आउट की व्यवस्था, यानि जरूरत पड़ने पर बिजली बंद कर दी जाए, ताकि दुश्मन को कोई लक्ष्य न दिखाई दे के बारे में जागरूक करना है। जिला कलेक्टर ने बताया कि इस अभ्यास से नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है।
बैठक में जिला कलेक्टर ने कार्यवाहक एडीएम परशुराम धानका को कंट्रोल रूम और शेडों कंट्रोल रूम स्थापना के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि चेतावनी सायरन बजने पर आमजन को एहतियाती उपायों के बारे में बताया जाएं। रात में बजने वाले सायरन, ब्लैक आउट के दौरान आमजन के द्वारा घरों में इनवर्टर, जनरेटर, इमरजेंसी लाइट, वाहन एवं प्रकाश का उपयोग नहीं करने के बारे में जागरूक किया जाएं।
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जिला कलेक्टर ने नागरिक सुरक्षा प्लान अनुसार 12 सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में शेल्टर होम को चिह्नित कर लिया जाए। उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं जन जागरूक अभियान चलाये जाने के लिए निर्देशित किया। इसमें एनएसएस, एनसीसी, एनवाईकेएस, स्काउट व गाइड एवं इच्छुक वॉलिंटयर को शामिल कर प्रशिक्षित किया जाएं।
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क्या होता है ब्लैक आउट
युद्ध के समय ब्लैक आउट एक ऐसी रणनीति है, जिसमें कृत्रिम रोशनी को न्यूनतम किया जाता है, ताकि रात्रि में दुश्मन आपकी लोकेशन का पता नहीं लगा सके। ब्लैक आउट नियम घरों, कारखानों, दुकानों और वाहन की रोशनी को नियंत्रित करते है। जिसमें खिड़कियों को ढ़कना, स्ट्रीट लाइट और गाड़ियों की हेडलाइट बंद रखना आदि शामिल हैं।