राजस्थान के कोटा जिले में बढ़ती तेज गर्मी और हीटवेव की आंशकाओं को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने आम नागरिकों से गर्मी जनित लू-तापघात से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील की है। सीएमएचओ डॉ. नरेंद्र नागर ने बताया कि भीषण गर्मी और हीटवेव से बचाव के लिए कुछ आवश्यक सावधानियों का पालन करना जरूरी है। जैसे दोपहर 12 से 3 बजे की अवधि में तेज धूप में अनावश्यक घर से बाहर जाने से बचें। नंगे पैर बाहर नहीं निकलें, दिन में अधिक गर्मी के समय रसोई/खाना बनाना/कुकिंग से बचाव करें।
यदि ऐसे समय घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो खाली पेट नहीं निकले, आवश्यकतानुसार ताजा भोजन करके ही घर से निकलें। हल्के रंग के ढीले सूती वस्त्र के कपड़े पहने, सिर-मुंह-गर्दन को भी पूरी तरह ढकें। धूप से बचाव के लिए छाता, चश्मा, टोपी, गमछा, तौलिया आदि का उपयोग करें, पानी व तरल पेय पदार्थ साथ रखें और थोड़े-थोड़े अन्तराल पर पर्याप्त पानी पीएं। दोपहर के समय एल्कोहल, गर्म पेय चाय-कॉफी, कार्बोनेट सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि का सेवन करने से बचें। बच्चों व पालतू जानवरों को खडे़ वाहन में नहीं छोड़ें। तरल पेय पदार्थाें जैसे निंबू पानी, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, लस्सी, फ्रूट ज्यूस का सेवन किया जा सकता है।
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सीएमएचओ ने बताया कि बच्चे, बीमार और बुजुर्गाें का विशेष ध्यान रखें। कार्य स्थल पर धूप की सीधी रोशनी से बचें। जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें और पर्याप्त पीने का पानी दें। हीटवेव के प्रति अति संवेदनशील लोग शिशु एव यंग चाइल्ड, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं, मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति, हृदय रोगी या उच्च रक्तचाप वाले रोगी और बाहर कार्य करने वाले श्रमिक विशेष सावधानी बरतें। रेडियो, टीवी, समाचार पत्रों मे स्थानीय मौसम संबधी खबरों से अपडेट रहें।
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लू के लक्षण-सिद दर्द, बुखार में शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फेरेनहाइट होना, उल्टी, अत्यधिक पसीना एवं बेहोशी आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में एंठन, नब्ज असामान्य होना। घबराहट, चक्कर आना, त्वचा का गर्म, लाल व सूखी होना। मांसपेशियों में कमजारी या ऐंठन, मतली या उल्टी आना, तेज सिर दर्द होना, चक्कर आना, बेहोंशी, सांस फूलना, धड़कन तेज होना। यदि व्यक्ति इन लक्षणों के साथ अस्वस्थ महसूस करे तो किसी छायांदार, ठण्डी जगह पर आराम करें। तुरंत पानी का सेवन करें, संभव हो तो ठण्डें पानी से नहा लें। लापरवाही ना बरतें शीघ्र ही नजदीकी राजकीय स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर परामर्श व उपचार लें।