नौतपा की शुरुआत इस बार शहरवासियों के लिए भीषण गर्मी और असहनीय उमस के साथ हुई। दूसरे दिन भी सूरज ने अपनी प्रचंडता दिखा दी। सुबह 8 बजे से ही सूरज की तपिश महसूस होने लगी थी और जैसे-जैसे दिन चढ़ा, वैसे-वैसे गर्मी का कहर भी बढ़ता गया। 11 बजे के बाद तो मानो आसमान से अंगारे बरसने लगे। गर्म हवाएं लू के रूप में लोगों को झुलसाने लगीं और वातावरण में इतनी उमस घुल गई कि घरों में भी रहना मुश्किल हो गया।
बिजली कटौती ने बिगाड़ी दिनचर्या, रात की नींद भी उड़ी
गर्मी और उमस से जूझते लोगों के लिए बिजली ही एकमात्र सहारा थी, लेकिन शहर में पिछले दो दिनों से बिजली व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई है। रात के समय शहर के अनेक इलाकों में 2 से 3 घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही, जिससे लोगों की नींद उड़ गई। वहीं दोपहर के समय जब तापमान चरम पर होता है, तब भी 2 से 3 घंटे तक बिजली गुल हो रही है। ऐसे में पंखे और कूलर भी ठप हो जाते हैं, और लोग गर्मी से बेहाल होकर रात-रात भर जागने को मजबूर हो गए हैं।
डिस्कॉम की लचर व्यवस्था के खिलाफ गुस्सा, कोई सुनवाई नहीं
स्थानीय निवासियों का कहना है कि डिस्कॉम (बिजली वितरण निगम) की लचर व्यवस्थाओं के कारण बार-बार बिजली कटौती हो रही है। तकनीकी खामियों और क्षमता की कमी के कारण एक बार लाइट चली जाने पर घंटों लौटती नहीं है। रात-दिन में औसतन ढाई से तीन घंटे की बिजली कटौती ने हजारों लोगों का सुख-चैन छीन लिया है।
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सड़कें और बाजार हुए वीरान, घरों में कैद हुए लोग
शहर में बढ़ती गर्मी और लू के चलते आमजन की दिनचर्या पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है। दोपहर के समय तो मुख्य मार्गों, हाइवे, चौराहों और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में बैठे रहे, लेकिन गर्म हवाओं के कारण लोग घरों से निकलना नहीं चाहते। आमतौर पर भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे बाजार, बस स्टैंड, स्टेशन और पर्यटक स्थल भी सुनसान नजर आए।
पारा चढ़ा 44 डिग्री तक, रात में भी नहीं मिली राहत
मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 31 डिग्री दर्ज किया गया। सुबह 8 बजे से ही तेज धूप का असर शुरू हो गया था, जो देर रात तक बना रहा। वातावरण में इतनी गर्मी घुली रही कि रात 10 बजे तक भी राहत महसूस नहीं हुई। सिर्फ देर रात के बाद ही थोड़ा सुकून मिल पाया, लेकिन बिजली कटौती ने उस राहत को भी छीना नहीं छोड़ा।
लोगों ने ठंडी चीजों का सहारा लिया, स्वास्थ्य पर भी पड़ा असर
इस असहनीय गर्मी से बचने के लिए लोगों ने ठंडे पेय पदार्थ, छाछ, नींबू पानी, आइसक्रीम और अन्य तरल चीजों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में हीट स्ट्रोक, सिरदर्द और डिहाइड्रेशन के मामले बढ़ते दिख रहे हैं। बुजुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य पर गर्मी का खासा असर देखने को मिल रहा है।
प्रशासन मौन, आमजन परेशान
शहर के निवासी प्रशासन से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट समाधान या आपात योजना सामने नहीं आई है। न तो बिजली विभाग ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है और न ही नगर परिषद द्वारा कोई राहत शिविर या जल वितरण केंद्र स्थापित किया गया है।
आगे के दिन और मुश्किल भरे हो सकते हैं
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक तापमान बढ़ने की संभावना जताई है। ऐसे में यदि बिजली की स्थिति नहीं सुधरी तो आमजन की परेशानी कई गुना बढ़ सकती है।