भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार कई तरह से प्रयास कर लोगों को जागरुक कर रही है। इसी जागरुकता का परिणाम है कि चित्तौड़गढ़ जिले के एक प्रार्थी ने वृद्धावस्था पेंशन के मामले में ई-केवाईसी करवाने की एवज में कनिष्ठ सहायक के रिश्वत लेते का वीडियो बनाया। बाद में सबूत के साथ वीडियो लेकर एसीबी को शिकायत की। एसीबी ने शिकायत व वीडियो की जांच कर कनिष्ठ सहायक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। यह चित्तौड़गढ़ का पहला मामला बताया जा रहा है, जिसमें प्रार्थी ने स्वयं वीडियो बना कर पेश किए और इसे सबूत मानते हुए एसीबी ने प्रकरण दर्ज किया।
एसीबी चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि गत 30 जनवरी 2025 को प्रार्थी एसीबी चौकी पर उपस्थित हुआ था। इसने अपने मोबाइल से ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग बना कर रिश्वत राशि देने संबंधी एक लिखित शिकायत मय मूल मोबाइल के प्रस्तुत की। प्रार्थी ने बताया कि 16 जनवरी को प्रार्थी अपनी दादी के साथ डुंगला पंचायत समिति कार्यालय में बंद पड़ी वृद्धावस्था पेंशन के लिए आया था। यह पेंशन समय पर ई-केवाईसी (सत्यापन) नहीं हो पाने के कारण पिछले 12-13 माह से बंद पड़ी थी। सत्यापन कर पेंशन शुरू करवाने के उद्देश्य से पंचायत समिति कार्यालय डुंगला पर गए, जहां पंचायत समिति कार्यालय में पेंशन सत्यापन ई-केवाईसी के लिए कार्यरत कर्मचारी मदन लाल मीणा मीणा, इसने पेंशन का सत्यापन करने के नाम पर प्रार्थी से 4000 रुपये रिश्वत राशि की मांग की।
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जब प्रार्थी को यह गलत लगा तो उसने अपने मोबाइल से सारे घटनाक्रम का ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग तैयार कर सेव कर लिया था। इसके संबंध में 23 जनवरी को कॉल कर सारे हालात एसीबी को बता दिए थे। इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने 30 जनवरी को अग्रिम कार्रवाई पूर्ण कर रिपोर्ट ब्यूरो मुख्यालय प्रेषित की। जांच रिपोर्ट से पाया कि आरोपित मदनलाल मीणा हाल कनिष्ठ सहायक, पंचायत समिति डूंगला ने एक लोक सेवक होते हुए अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग किया। प्रार्थी से उसकी दादी की वृद्धावस्था पेंशन का सत्यापन कर शुरू करवाने के लिए परिवादी से 3000 रुपये की रिश्वत राशि की मांग कर ग्रहण की गई। इस पर उक्त कार्रवाई पूर्ण कर परिवादी के मूल मोबाइल मय ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी।
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मुख्यालय के आदेश पर कनिष्ठ सहायक मदनलाल मीणा के विरुद्ध प्रकरण संख्या 93/2025 अन्तर्गत धारा-7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित 2018) दर्ज किया। वहीं, इस प्रकरण की पत्रावली अग्रिम अनुसंधान के लिए अनुसंधान अधिकारी पुलिस निरीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर नरपत सिंह के पास भेजी गई। यह जिले का पहला मामला है, जिसमें प्रार्थी के उपलब्ध करवाए वीडियो के आधार पर एसीबी ने प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में प्रार्थी की जानकारी एसीबी ने गुप्त रखी है।
रिकॉर्डिंग के सात दिन में दे सकते हैं रिपोर्ट
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि प्रार्थी स्वयं भी रिश्वत के मामले में वीडियो बना कर एसीबी को उपलब्ध करवा सकते हैं। रिश्वत देने और वीडियो बनने के सात दिन में शिकायत और वीडियो एसीबी को मिलने चाहिए। तभी ऐसे मामलों के एसीबी कार्रवाई करती है। पेंशन के सत्यापन के मामले में भी प्रार्थी ने तय समावधि में शिकायत दी थी।
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मोबाइल की होगी एफएसएल जांच
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी चित्तौड़गढ़ विक्रम सिंह ने बताया कि प्रार्थी के मोबाइल को रिकॉर्ड में लिया गया है। इसकी एफएसएल जांच भी करवाई जाएगी। इसकी रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।