आयुष मंत्रालय, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मानद विश्वविद्यालय), जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर “योग संगम” का भव्य आयोजन 21 जून को जयपुर के जंतर-मंतर पर किया जाएगा।
इस विशेष आयोजन में संस्थान में अध्ययनरत देश के सभी राज्यों से आए विद्यार्थी, साथ ही अन्य 12 देशों के विदेशी छात्र-छात्राएं भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे। यह आयोजन भारत की प्राचीन योग परंपरा को वैश्विक मंच पर स्थापित करने तथा आयुर्वेद और योग के समन्वित स्वरूप को प्रस्तुत करने का सशक्त माध्यम बनेगा।
ये भी पढ़ें: राजस्थान में तंबाकू पर लगाम! अब बिना लाइसेंस नहीं बिकेगा गुटखा-सिगरेट
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आमजन से अधिकाधिक जोड़ने और योग के लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा गुरुवार को प्रातः 5:30 बजे “रन फॉर योगा” का आयोजन किया गया। यह दौड़ संस्थान परिसर (जोरावर सिंह गेट) से शुरू होकर बड़ी चौपड़ होते हुए पुनः संस्थान परिसर में समाप्त हुई। इसके उपरांत सामूहिक योगाभ्यास एवं ज़ुम्बा डांस का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में चिकित्सक, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है। यह समग्र स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन और आत्मिक उन्नयन का मार्ग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आयुष मंत्रालय की पहल से देश ही नहीं, पूरा विश्व इस महासंगम का हिस्सा बन रहा है। हमें गर्व है कि संस्थान में अध्ययनरत विदेशी छात्र-छात्राएं इस परंपरा को वैश्विक स्तर तक पहुंचा रहे हैं। योग बंधन कार्यक्रम के अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा आमंत्रित विदेशी पर्यवेक्षक श्रीलंका, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका से विशेष रूप से इस आयोजन में भाग लेने के लिए आएंगे।
ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र, कहा- राजस्थान को जल्द मिले पानी का हक
विशाखापट्टनम में होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य राष्ट्रीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर समेत 12 देशों के छात्र-छात्राएं पीएम मोदी के साथ योगाभ्यास करेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. दुर्गावती देवी ने कहा कि योग जीवन जीने की एक शैली है, जो अनुशासन, संतुलन और आत्मचिंतन सिखाती है। इस महोत्सव के माध्यम से हम युवा पीढ़ी को योग के मूल सिद्धांतों से जोड़ने और उन्हें एक स्वस्थ समाज के निर्माण में भागीदार बनाने का प्रयास कर रहे हैं।