पुरातत्व विभाग ने आधी सदी पहले की प्राचीन थेहड़ों की खुदाई फिर पलटकर भी नहीं देखा

Must Read

यह भी पढ़ें गोली लगने के बाद गिर रहे थे लोग…पहलगाम हमले के दो वीडियो आए सामने, कैमरे में कैद हुआ खौफनाक मंजर बोर्ड लगाकर भूला पुरातत्व विभाग गांव रंगमहल की थेहड़ की खुदाई का कार्य वर्ष 1916 से 1919 तक इटली के विद्वान डॉ.एलवीटेसीटोरी के नेतृत्व में हुआ। यहां मिट्टी के बर्तन, देवी देवताओं की मूर्तियां, ताबेनुमा धातु के सिक्के आदि मिले। इस कार्य में ग्रामीणों ने भी सहयोग किया। इसके बाद वर्ष 1952 में डॉ. हन्नारिड के नेतृत्व में भी खुदाई कार्य हुआ। यहां कुषाण और गुप्ता कालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं। हालांकि यहां सैन्धवकालीन अवशेष भी प्राप्त हुए हैं लेकिन उनकी संख्या अपेक्षाकृत कम है। रंगमहल से प्राप्त अनेक मूर्तियां राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली, राजकीय संग्रहालय जयपुर और बीकानेर में रखी हुई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से रंगमहल के थेहड़ संर​क्षित घो​षित है और प्राचीन थेहड़ व इसके आसपास की भूमि पर किसी तरह की छेडख़ानी करने पर जुर्माने का प्रावधान भी है। लेकिन प्राचीन थेहड़ों की संरक्षा और सुरक्षा केवल विभागीय बोर्ड तक सीमित नजर आती है। विभाग केवल संरक्षित स्मारक का बोर्ड लगाकर इन थेहड़ों को भूल चुका है। जिसके चलते आज यह प्राचीन थेहड़ अतिक्रमणों का ​शिकार हो रहे हैं। हालांकि विभाग ने यहां एक चौकीदार भी लगाया हुआ है, लेकिन वह कभी कभार ही दिखता है। यह भी पढ़ें CM ने ASP को थप्पड़ मारने के लिए मंच पर उठाया हाथ, क्यों अचानक भड़क उठे सिद्धारमैया चोरी हो रही प्राचीन सभ्यता की अनमोल निशानियां भारतीय पुरातत्व विभाग के नियमानुसार संर​क्षित क्षेत्र के आसपास दो सौ मीटर दायरे में किसी प्रकार की खुदाई नहीं हो सकती है। लेकिन यहां यह नियम कागजी बनकर रह गए हैं। गांव रंगमहल के थेहड़ों के आसपास खुदाई व बरसाती मौसम में पानी के साथ प्राचीन सभ्यता के अवशेष जमीन से बाहर आ जाते हैं। जिनमे बर्तन, मूर्तियां, तांबेनुमा सिक्के, चूडिय़ा आदि शामिल है। लेकिन विभागीय सारसंभाल के अभाव में यह प्राचीन अवशेष चोरी हो रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग अना​धिकृत रूप से यहां प्रवेश कर यह प्राचीन प्रमाण उठाकर ले गए, जो कि आज घरों में एंटिक कलेक्शन की शोभा बढ़ा रहे हैं। इधर अ​धिकारी खोखले दावों में कर रहे थेहड़ों की सुरक्षा रंगमहल के थेहड़ कुषाणकालीन सभ्यता का अति महत्वपूर्ण स्थल है और यह इतिहास के कई महत्वपूर्ण अध्याय अपने में सहेजे हुए हैं। इनकी सुरक्षा के लिए एक चौकीदार रखा गया था। लेकिन उसके पास मानकथेड़ी और बड़ोपल थेहड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी है। इसलिए विभाग ने रंगमहल के थेहड़ों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए इस बार यहां एक स्थाई चौकीदार रखने के टेंडर जारी किए हैं। – विपुल सिंह, प्रभारी हनुमानगढ़ कैम्प, एएसआई।

india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi

ENGLISH NEWS

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -