व्यापारियों के अनुसार तनाव की स्थिति में भाव में तेजी आई तो उन्होंने भी दाम बढ़ा दिए। व्यापारियों का कहना है कि ज्यादातर खाद्य तेल देश में आयात होता है। बॉर्डर पर जैसे ही तनाव शुरू हुआ तो तेल आयात की गतिविधियां कमजोर हो गई। ऐसे में यह संदेश गया कि कई दिनों तक देश में खाद्य तेल का आयात नहीं हो पाएगा। अब कम होगी कीमत वहीं, तनाव की स्थिति में सीमावर्ती इलाकों में खाद्य तेल सहित अन्य सामग्रियों की मांग बढ़ी तो रातों-रात हर खाद्य वस्तु के दाम में इजाफा हो गया। व्यापारी राजकुमार का कहना है कि अब सीजफायर होने और पीएम के राष्ट्र के नाम संदेश देने के अलावा जिला प्रशासन की ओर से सामान्य स्थिति पर प्रतिबंध हटाने से सरसों तेल के दाम अब गिर सकते हैं। यह वीडियो भी देखें तनाव का मंडी पर असर नहीं वहीं अनपूगढ़ की नई धानमंडी में गेहूं खरीद का सीजन अब अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। बीते पूरे सप्ताह भारत-पाक के बीच उपजे तनाव का धान मंडी पर असर देखने को नहीं मिला। इन सातों दिनों में भी प्रतिदिन की तरह 12 से 15 हजार बैग की आवक होती रही। हालांकि एफसीआई तथा धान मंडी के व्यापारियों ने प्रशासन की तरफ से दी गई गाइडलाइन की पालना के अनुसार कार्य किया। गेहूं का सीजन अब अपने अंतिम चरण चरण में है, जबकि समर्थन मूल्य पर खरीद का कार्य 30 जून तक चलना है। यह भी पढ़ें बाजार खुले पर ग्राहकी गायब, गलियों में पसरा सन्नाटा
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बॉर्डर पर भारत-पाकिस्तान के बीच चला तनाव तो इतना महंगा हो गया 1 लीटर सरसों का तेल, जानिए कीमत | Mustard oil became expensive amid India Pakistan tension

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