साहित्य परिवर्तन नहीं लाता, उसके लिए जमीन तैयार करता है : विष्णु नागर | It is futile to expect change through the power of literature alone: ​​Vishnu Nagar

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साहित्य परिवर्तन नहीं लाता, उसके लिए जमीन तैयार करता है : विष्णु नागर | It is futile to expect change through the power of literature alone: ​​Vishnu Nagar

कार्यक्रम में नागर ने अपनी व्यंग्य कविताओं के माध्यम से सत्ता और व्यवस्था पर खूब कटाक्ष किए। उनकी कविताओं में स्त्री और सामंतवादी सोच पर भी करारी चोट की गई थी। कार्यक्रम में एडवोकेट चरणदास कंबोज, सुरेंद्र सुंदरम्, अरुण उर्मेश और डॉ. कृष्ण कुमार आशु ने सवालों के उन्होंने सहजता से जवाब दिया। किया सम्मान इस मौके पर नागर को सृजन साहित्य सम्मान भी अर्पित किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष बार संघ के पूर्व अध्यक्ष इंद्रजीत बिश्नोई, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी रवि सरावगी, चरणदास कम्बोज, भूरामल स्वामी, विजय गोयल व विनोद गुप्ता ने शॉल ओढ़ाकर, सम्मान प्रतीक व पुस्तक भेंटकर सम्मानित किया। सचिव कृष्णकुमार ‘आशु’ ने नागर का परिचय दिया। आभार अध्यक्ष अरुण शहैरिया’ताइर’ ने जताया। संचालन संदेश त्यागी ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

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