पिछले एक दशक में 80 से ज्यादा जिंदा बम और रॉकेट मिल चुके हैं, जो क्षेत्रवासियों के लिए खतरा बने हुए हैं। इस साल 25 जनवरी को इंदिरा गांधी नहर की आरडी 236 के पास एक बम मिला था। बिना फटे खेतों में दब गए बम 2001 की आगजनी में बम और रॉकेट बिना फटे खेतों में दब गए। सेना ने सर्च अभियान चलाया, लेकिन कई बम अब भी रेत में छिपे हैं। किसानों को खेती के दौरान ये बम मिलते रहते हैं, जिससे जान-माल का खतरा बना रहता है। 2023 में इंदिरा गांधी नहर की रि-लाइनिंग के दौरान एक साथ 15 रॉकेटनुमा बम मिले। सेना की टीम ने बमों को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज ले जाकर निष्क्रिय किया। किस साल मिले कितने बम और रॉकेट 2008- 032009- 032011- 042013- 042014- 022015- 072016- 042017- 072018- 092019- 052020- 032021- 132022- 032023- 192024-25- 05 हादसों ने बढ़ाई चिंता 12 सितंबर 2013 को 5 एलएल का एक बालक बकरियां चराते समय खेत में मिला जिंदा मोर्टार बम सूरतगढ़ के वेयरहाउस के पास ले आया। बम तोड़ते समय विस्फोट से बालक और एक बकरी की मौत हो गई। इन मसलों पर सूरतगढ़ के डीएसपी प्रतीक मील का कहना है कि क्षेत्र में यदाकदा सेना के बम मिलते रहते हैं। क्षेत्र में जमीन में दबे बमों को निकालने के लिए सेना को अवगत करवाया जा चुका है। यह भी पढ़ें क्या राजस्थान में भी आएगा ‘गुजरात मॉडल’? केवड़िया में बीजेपी MLAs और मंत्रियों को आज से मिलेगी ट्रेनिंग; जानें इनसाइ ड स्टोरी
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पाकिस्तान से सटी राजस्थान की यह धरती लगातार उगल रही बम, भारतीय फौज भी परेशान | bombs are buried underground in Suratgarh in Rajasthan near India-pakistan border Indian Army search operation

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