अजमेर जिले की पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस मुख्यालय जयपुर के आदेश पर की गई, जिसमें अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उनका निष्कासन किया गया। अब तक कुल 20 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से हाल ही में एक और बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ा गया है।
दरगाह थानाधिकारी दिनेश कुमार जीवनानी ने बताया कि अजमेर जिले में पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के निर्देशन में यह अभियान चलाया जा रहा है। विशेष अभियान का उद्देश्य अवैध रूप से अजमेर में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों और घुसपैठियों की पहचान करना और उन्हें देश से निष्कासित करना है। इस अभियान का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु जागिंड और वृताधिकारी लक्ष्मण राम ने किया। उनके नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें पुलिस विभाग और सीआईडी जोन की टीमों को शामिल किया गया।
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दरगाह थानाधिकारी दिनेश कुमार जीवनानी ने बताया कि पुलिस टीम ने शहर अजमेर के विभिन्न क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चलाया और मुखबिरों से सूचना प्राप्त की। इन सूचनाओं के आधार पर, पुलिस ने दरगाह क्षेत्र, जालियान कब्रिस्तान, अन्दकोट, नई सड़क, तारागढ़ की पहाड़ी और सोहल खभ्भा दरगाह के आस-पास के इलाकों में खोजबीन की। इस दौरान करीब 15 से 20 संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़कर उनसे पूछताछ की गई। इन व्यक्तियों में एक प्रमुख बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ा गया, जिसने स्वयं को बांग्लादेश का नागरिक बताते हुए अवैध रूप से भारत में घुसने की बात स्वीकार की।
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दरगाह थानाधिकारी दिनेश कुमार जीवनानी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम मोहम्मद मुनीर हुसैन है, जो 60 वर्ष का है और बांग्लादेश के नरसिंगडी सिटी का निवासी है। उसने बताया कि वह कई वर्षों पहले भारत-बांग्लादेश सीमा पार करके भारत में घुसा था। वह विभिन्न स्थानों पर रहने के बाद 4 अप्रैल 2025 को अजमेर के दरगाह क्षेत्र में आकर खानाबदोश के रूप में रहने लगा। मोहम्मद मुनीर हुसैन ने खुद को बांग्लादेशी नागरिक बताते हुए इस अपराध को स्वीकार किया है।
दरगाह थानाधिकारी दिनेश कुमार जीवनानी ने बताया कि इस समय पुलिस उसके खिलाफ और गहन पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि वह अन्य बांग्लादेशी नागरिकों के साथ किस प्रकार भारत में अवैध रूप से घुसा और अजमेर में कैसे स्थापित हुआ। इस अभियान से यह स्पष्ट होता है कि अजमेर पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि अजमेर और राजस्थान को इन अवैध गतिविधियों से मुक्त किया जा सके।