भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग के निर्देशानुसार देशभर में वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए एक जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक एक व्यापक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान की जानकारी सोमवार को बैंक ऑफ बड़ौदा के संयोजन में कार्यरत राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC), जयपुर द्वारा प्रेस वार्ता में दी गई। प्रेस वार्ता का आयोजन बैंक के दुर्गापुरा स्थित अंचल कार्यालय में किया गया।
इस अवसर पर एसएलबीसी के संयोजक एवं बैंक ऑफ बड़ौदा के जयपुर अंचल के महाप्रबंधक एम. अनिल ने बताया कि इस तीन महीने के अभियान का उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर तक बैंकिंग, बीमा और पेंशन जैसी महत्वपूर्ण वित्तीय सेवाओं की सहज पहुंच सुनिश्चित करना है। साथ ही, उन सभी पात्र नागरिकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ना है, जो अब तक इनसे वंचित रहे हैं।
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जन धन से लेकर अटल पेंशन योजना तक सभी को जोड़ेगा यह अभियान
एम. अनिल ने जानकारी दी कि अभियान के तहत प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के अंतर्गत निष्क्रिय बैंक खातों का पुनः सत्यापन, बैंकिंग सुविधाओं से वंचित व्यक्तियों के लिए नए खाते खोलना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और अटल पेंशन योजना (APY) में नामांकन को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जाएगा। इन योजनाओं का लाभ समाज के कमजोर वर्गों को विशेष रूप से लक्षित करता है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्थानीय प्रशासन और बैंकिंग संस्थाओं की भागीदारी से विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि सेवाएं सीधे आम जनता तक पहुंच सकें।
बीमा सुरक्षा और वृद्धावस्था पेंशन के जरिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास
सरकार की दो प्रमुख बीमा योजनाएं पीएमजेजेपीवाई और पीएमएसबीवाई सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संचालित की जा रही हैं। पीएमजेजेपीवाई के तहत 436 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर किसी भी कारण से मृत्यु पर दो लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाता है। वहीं, पीएमएसबीवाई के तहत केवल 20 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर दुर्घटना में मृत्यु या पूर्ण विकलांगता पर दो लाख रुपये तथा आंशिक विकलांगता पर एक लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है। अटल पेंशन योजना (APY) के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद 1,000 से 5,000 रुपये तक मासिक पेंशन प्राप्त होती है, जिससे उनकी वृद्धावस्था सुरक्षित हो सके।
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प्रत्येक जिले में तय हुआ कार्य विभाजन
दरअसल, बैंक ऑफ बड़ौदा राजस्थान में एसएलबीसी का संयोजक है। इसने इस अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य के सभी बैंकों और अग्रणी जिला प्रबंधकों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं। प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (DLCC) के माध्यम से यह तय किया गया है कि किस ग्राम पंचायत में शिविर का आयोजन किस बैंक द्वारा किया जाएगा। जिसका आधार संबंधित बैंक शाखा की भौगोलिक स्थिति होगी। इस अभियान का समन्वय अग्रणी जिला प्रबंधकों द्वारा संबंधित जिलों के कलेक्टर और मजिस्ट्रेट के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
‘हर जिले में अभियान को मिले पूरा प्रशासनिक सहयोग’
राज्य के मुख्य सचिव द्वारा इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिला कलेक्टरों और संभागीय आयुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र के अधिकारियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करें। इसका उद्देश्य यह है कि इस अभियान के अंतर्गत हर पात्र व्यक्ति को वित्तीय सुरक्षा और सेवाओं से जोड़ा जा सके।