खींवसर विधायक द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे गए गोपनीय पत्र के लीक होने पर भाजपा में हड़कंप मच गया है। इस पत्र में डांगा ने खींवसर में ट्रांसफर-पोस्टिंग में आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल के प्रभाव की शिकायत की थी। पत्र लीक होने पर भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ज्योति मिर्धा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
खींवसर से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे गए पत्र के सार्वजनिक होने के मामले में भाजपा में आंतरिक घमासान मच गया है। इस घटनाक्रम को लेकर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और नागौर की पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पार्टी के ही किसी नेता द्वारा पत्र को लीक करना बेहद निंदनीय है और इसके लिए जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि रेवंतराम डांगा ने 30 जनवरी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक गोपनीय पत्र लिखा था, जिसे 4 फरवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय में रिसीव किया गया। इस पत्र में उन्होंने खींवसर क्षेत्र में ट्रांसफर-पोस्टिंग में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रभाव की शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल की सिफारिशों के आधार पर अधिकारियों की नियुक्तियां की जा रही हैं। पत्र के लीक होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
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नागौर में जनसुनवाई के दौरान डॉ. ज्योति मिर्धा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को गोपनीय रूप से भेजे गए पत्र को सार्वजनिक कर दिया गया। इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। जो भी इस घटना के पीछे है, उसके खिलाफ पार्टी की ओर से सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और अन्य वरिष्ठ नेता इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करेंगे।
डॉ. मिर्धा ने यह भी संकेत दिया कि पत्र लीक करने की घटना के पीछे राजनीतिक साजिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि रेवंतराम खींवसर में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखें लेकिन डांगा को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त है और प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पत्र लिखने का अधिकार हर विधायक को है और इस अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए।
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रेवंतराम डांगा ने अपने पत्र में खींवसर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप से प्रभावित तबादलों और नियुक्तियों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि कुछ अधिकारी आरएलपी नेताओं के इशारे पर काम कर रहे हैं, जिससे स्थानीय विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। डांगा ने मुख्यमंत्री से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की थी।
इस मामले पर भाजपा हाईकमान ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रदेश नेतृत्व ने पत्र लीक करने वाले की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है। डॉ. मिर्धा ने कहा कि यह पार्टी अनुशासनहीनता का गंभीर मामला है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।