राजस्थान के हिल स्टेशन माउंट आबू को आबूरोड से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग पिछले पांच दिनों से बंद पड़ा है। हाल में हुई बारिश के कारण आरणा हनुमान मंदिर के पास खाई की ओर बनी सेफ्टी वॉल और सड़क पर चट्टानों का भारी मलबा गिरने से यह मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इससे न केवल सड़क पर आवागमन बाधित हुआ, बल्कि यात्रियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए मलबा हटाने और मरम्मत कार्य प्रारंभ कर दिया है। फिलहाल एहतियातन बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन का कहना है कि मार्ग को जल्द से जल्द सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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सड़क की सेफ्टी वॉल टूटी, मलबे ने रोका रास्ता
बीते सप्ताह माउंट आबू में हुई मूसलाधार बारिश के दौरान आरणा हनुमान मंदिर के समीप खाई की दिशा से चट्टान का विशाल मलबा गिर पड़ा, जिससे न केवल मुख्य सड़क का एक हिस्सा टूट गया, बल्कि खाई की ओर बनी सुरक्षा दीवार भी ढह गई। यह मार्ग माउंट आबू और आबूरोड को जोड़ने वाला जीवन रेखा है, जहां से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन गुजरते हैं।
घटना के तुरंत बाद नगरपालिका आपदा प्रबंधन दल, सार्वजनिक निर्माण विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल बैरिकेडिंग कर मार्ग को बंद कर दिया गया। इसके बाद मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है जो अब भी जारी है।
यात्रियों को हो रही परेशानी
प्रशासन ने मार्ग को सुचारु बनाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य शुरू करवा दिया है। मलबा हटाने और क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत के लिए जेसीबी और अन्य मशीनें तैनात की गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि बड़ी गाड़ियों के लिए मार्ग खोलने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। इस बीच, माउंट आबू आने-जाने वाले यात्रियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सभी बसें फिलहाल आबूरोड तक ही पहुंच रही हैं, जबकि आबूरोड से माउंट आबू तक का सफर टैक्सी या छोटे वाहनों से करना पड़ रहा है, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ गए हैं।
पहले भी बंद हो चुका है यह मार्ग
यह कोई पहली बार नहीं है जब माउंटआबू-आबूरोड मार्ग पर मलबा गिरने से यातायात ठप हुआ हो। इससे पहले भी भारी बारिश के दौरान कई बार यह मार्ग बंद हो चुका है। हर बार प्रशासन मरम्मत कर रास्ता खोल देता है, लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय लोगों और पर्यटकों की मांग है कि इस महत्वपूर्ण मार्ग पर मजबूत सेफ्टी वॉल, जल निकासी व्यवस्था और रॉकफॉल प्रोटेक्शन सिस्टम जैसे उपाय किए जाएं ताकि हर मानसून में मार्ग बाधित न हो और क्षेत्र की पर्यटन गतिविधियां प्रभावित न हों।
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मौसम पर नजर बनाए हुए है प्रशासन
फिलहाल प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। नदी-नालों और पहाड़ी ढलानों की निगरानी की जा रही है ताकि और अधिक मलबा न गिरे। वहीं मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे काम में देरी की आशंका भी बनी हुई है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से पहाड़ी मार्ग की ओर न जाएं और सुरक्षित मार्गों का ही उपयोग करें।