राजस्थान
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उन्होंने उदाहरण के साथ अपनी बात समझाते हुए कहा कि यदि गाड़ी का कोई पहिया ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसकी जगह स्टेपनी लगाई जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई नट-बोल्ट ढीला है, तो उसे कसने का काम किया जाएगा और अगर कसने के बाद भी काम नहीं बना तो उसे बदलने की भी आवश्यकता हो सकती है।
इस बयान के साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वर्तमान कार्यकारिणी में किसी प्रकार का बदलाव करने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन अभी इसकी आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है। भविष्य में जरूरत के अनुसार बदलाव किया जाएगा।
मदन राठौड़ का यह बयान अमर उजाला की उस खबर की पुष्टि करता है, जिसमें कहा गया था कि उपचुनाव के बाद ही प्रदेश कार्यकारिणी में बदलाव किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ने संकेत दिए हैं कि उपचुनाव के बाद कुछ महत्वपूर्ण पदों को छोड़कर कार्यकारिणी में व्यापक बदलाव हो सकता है।