अयोध्या में भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान रामलला की प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक कार्य संपन्न हो चुका है। हालांकि, अब राम मंदिर परिसर में जयपुर के प्रसिद्ध पांडे मूर्ति भंडार की ओर से तराशी गई सफेद संगमरमर की भगवान रामलला की प्रतिमा को भी स्थान मिलने जा रहा है। इस मूर्ति की पहली झलक सामने आई है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
जयपुर में तैयार हुई पांच फीट ऊंची सफेद संगमरमर की मूर्ति
जयपुर के पांडे मूर्ति भंडार के प्रशांत पांडे ने बताया कि तैयार की गई यह मूर्ति पांच फीट ऊंची है। इसे 2 टन वजनी सफेद संगमरमर पर उकेरा गया है। राम मंदिर निर्माण समिति ने जयपुर के पांडे मूर्ति भंडार, मैसूर और मध्यप्रदेश के मूर्तिकारों को अलग-अलग मूर्तियां बनाने का कार्य सौंपा था। इन सभी मूर्तियों में से मैसूर के श्यामवर्ण (काले पत्थर) की राम लला प्रतिमा को चुना गया और प्राण-प्रतिष्ठा के साथ मंदिर में स्थापित किया गया। हालांकि, राम मंदिर निर्माण समिति ने यह निर्णय लिया है कि शेष दो मूर्तियों को भी राम मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा। इस निर्णय से जयपुर निर्मित रामलला की मूर्ति को भी अयोध्या में स्थान मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
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दादाजी की भविष्यवाणी हुई सच
प्रशांत पांडे ने बताया कि जिस सफेद संगमरमर पर भगवान रामलला की यह प्रतिमा उकेरी गई है, वह पत्थर उनके दादा जी के समय में प्राप्त हुआ था। परिवार को विश्वास था कि यह पत्थर विशेष है और भविष्य में किसी विशेष कार्य में प्रयुक्त होगा। उनके दादा जी ने भविष्यवाणी की थी कि “एक दिन जब भव्य राम मंदिर बनेगा, तब भगवान राम लला की मूर्ति इसी पत्थर पर उकेरी जाएगी।”
पहले चयन नहीं हुआ तो हुई थी निराशा
जब राम मंदिर में स्थापित करने के लिए जयपुर की मूर्ति का चयन नहीं हुआ, तब थोड़ी निराशा जरूर हुई, लेकिन परिवार को पूर्ण विश्वास था कि उनकी मेहनत को प्रभु श्रीराम अवश्य स्वीकार करेंगे। अंततः अब इस मूर्ति को भी मंदिर में स्थान मिलने जा रहा है, जिससे परिवार और समस्त भक्तों में हर्ष का माहौल है।
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राम दरबार सहित 19 अन्य मूर्तियां भी कर रहे हैं तैयार
पांडे मूर्ति भंडार अयोध्या स्थित राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिष्ठा के लिए भी कार्य कर रहा है। इस दरबार में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी, हनुमान जी और अन्य देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही मंदिर में स्थापित किए जाने के लिए 19 अन्य मूर्तियों पर भी कार्य किया जा रहा है। राम मंदिर के लिए मूर्तियों का निर्माण एक दिव्य और ऐतिहासिक कार्य है, जिसमें भारतीय शिल्पकला, श्रद्धा और भगवान राम की भक्ति की झलक देखने को मिलेगी। जयपुर के शिल्पकारों को इस ऐतिहासिक निर्माण में योगदान देने का अवसर प्राप्त हुआ है, जो संपूर्ण राजस्थान के लिए भी गर्व की बात है।
श्रद्धालुओं में उत्साह, जल्द होगी प्रतिष्ठा
अब जबकि जयपुर निर्मित सफेद संगमरमर की भगवान रामलला की मूर्ति को भी मंदिर परिसर में स्थान मिलने जा रहा है, तो यह खबर भक्तों के लिए एक उत्साहजनक है। राम मंदिर समिति के अनुसार, जल्द ही इसकी प्रतिष्ठा को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद यह मूर्ति भी भव्य राम मंदिर के परिसर में अपनी जगह प्राप्त करेगी और श्रद्धालु इसके दर्शन कर सकेंगे।