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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विदेश दौरा अचानक विवादों में आ गया। जयपुर के सेशन कोर्ट में उनके विदेश दौरे को लेकर एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि भजनलाल शर्मा गोपालगढ़ सांप्रदायिक विवाद में सर्शत जमानत पर हैं। इसमें उन्हें विदेश जाने से पहले कोर्ट की अनुमति लेने के लिए कहा गया था।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।
– फोटो : अमर उजाला
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इधर, इस मामले में बृहस्पतिवार शाम राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी ट्वीट कर पूरे मामले को सियासी हवा दे दी। राजस्थान पीसीसी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर प्रार्थना पत्र की प्रतिलिपि पोस्ट कर कहा गया कि सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्रकरण में मुख्यमंत्री शर्मा जमानत पर हैं। मामला फिलहाल न्यायालय में लंबित है। कोर्ट से बिना अनुमति लिए विदेश जाकर मुख्यमंत्री ने जमानत शर्तों का उल्लंघन किया है। मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार एवं संवैधानिक पद पर बैठने वाले व्यक्ति की यह त्रुटि गंभीर है।
अधिवक्ता सांवर चौधरी ने जयपुर की एडीजे-4 अदालत में पेश प्रार्थना पत्र में कहा है कि अदालत ने 10 सितंबर 2013 को इस मामले में आरोपी भजनलाल शर्मा को इस शर्त के साथ अग्रिम जमानत दी थी कि वह बिना न्यायालय की पूर्वानुमति के देश की सीमाओं से बाहर नहीं जाएंगे, लेकिन वह बिना अदालत की अनुमति के विदेश चले गए और आज भी विदेश में ही हैं। गौरतलब है कि इन दिनों मुख्यमंत्री शर्मा राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट के सिलसिले में जापान और साउथ कोरिया की यात्रा पर हैं।
क्या है मामला
राजस्थान के भरतपुर के गोपालगढ़ में 2013 में सांप्रदायिक तनाव में मस्जिद में फायरिंग के दौरान मेव समाज के 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को आरोपी बना रखा है। भजनलाल शर्मा पर हिंदुओं की पंचायत में शामिल होने का आरोप है। याचिका में कहा गया है कि सीबीआई में मामला दर्ज होने के बाद मामला सेशन कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में अभियुक्तों को 50-50 हजार रुपये की जमानतें व एक लाख का मुचलका जमा करवाने की शर्त पर अग्रिम जमानत दी थी।