प्रदेश में गर्मी का पारा चढ़ता ही जा रहा है और इसके साथ ही बढ़ता जा रहा है हीट स्ट्रोक का खतरा। चिकित्सा विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में बढ़ते तापमान और लू के चलते लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि मार्च से अब तक यानी 19 मई तक 180 से ज्यादा हीट स्ट्रोक के मामले सामने आ चुके हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि अब खतरा और भी बढ़ गया है। बाहर निकलने से पहले सौ बार सोचिए क्योंकि तेज धूप और गर्मी के थपेड़े सीधे दिमाग पर हमला कर सकते हैं। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी का कहना है कि गर्मियों में शरीर बहुत जल्दी डिहाइड्रेट हो जाता है। पानी की कमी से खून गाढ़ा हो जाता है और इससे ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ता है, जो दिल की धड़कनों को अनियंत्रित कर सकता है।
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एसएमएस अस्पताल की न्यूरो फिजिशियन डॉ. भावना शर्मा बताती हैं कि पसीने के कारण शरीर से नमक और पानी की मात्रा कम हो जाती है। इस स्थिति में खून की नलियों में क्लॉट बन सकता है, जिससे दिमाग में ब्लॉकेज और ब्रेन अटैक की स्थिति बनती है। यहां तक कि वीनस थ्रोम्बोसिस जैसी गंभीर स्थिति भी हो सकती है।
मेडिसिन विभाग के डॉ. पुनीत सक्सेना के मुताबिक हीट स्ट्रोक सिर्फ सिरदर्द या चक्कर तक सीमित नहीं है, यह किडनी फेलियर, लीवर सूजन और सांस की दिक्कतों जैसे जानलेवा परिणाम दे सकता है। सही समय पर इलाज नहीं मिला तो यह मौत का कारण भी बन सकता है।
केस 1 : ब्रेन हेमरेज के जब केस बढ़ रहे थे तो हमने कई लोगों से बात करने की कोशिश की बातचीत में सांगानेर निवास विक्रम सिंह ने बताया कि उनके पड़ोस में उनके मित्र रहते थे गर्मी में पूरे दिन काम कर जब घर लौटे तो ठीक थे लेकिन जब सोने गए तो फिर सुबह उठे ही नहीं जब चिकित्सकों के पास ले जाया गए और जांच करवाई तो पता लगा कि ब्रेन हेमरेज के कारण रात को ही सोते समय मौत हो गई।
केस 2 : सांगानेर निवासी संदीप दोपहर में बिना सिर ढंके घर से निकले। चंद मिनटों में ही उन्हें सीने में दर्द हुआ और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने तुरंत एंजियोग्राफी की और पाया कि दिल की धमनियों में ब्लॉकेज है। जान बचाने के लिए तुरंत स्टंट डालना पड़ा।
केस 3 : चिकित्सक बताते हैं कि प्रताप नगर निवासी हेमंत अपने दफ्तर पहुंचे, जहां तेज सिरदर्द हुआ और वे बेहोश हो गए। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने ब्रेन हेमरेज की पुष्टि की। डॉक्टरों का कहना है कि समय रहते इलाज न मिलता तो स्थिति और बिगड़ सकती थी।
चिकित्सा विभाग ने जनता से अपील की है कि तेज धूप में बिना जरूरत घर से न निकलें। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं अत्यधिक सावधानी बरतें। सूती कपड़े पहनें, सिर और आंखें ढंककर रखें, खाली पेट बाहर न जाएं और पानी व अन्य तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें। डॉ. मनोज शर्मा, अतिरिक्त अधीक्षक एसएमएस अस्पताल का कहना है कि उल्टी, चक्कर या सिरदर्द जैसे लक्षण नजर आते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।