राजस्थान पुलिस की सीआईडी (क्राइम ब्रांच) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अमेरिका से आयातित उच्च गुणवत्ता वाले कोयले में मिलावट कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में सिरोही जिले के भुजेला क्षेत्र में संचालित एक फर्जी फैक्ट्री से भारी मात्रा में कोयला, वाहन और मिलावट के उपकरण जब्त किए गए हैं, मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
डीजीपी राजीव कुमार के नेतृत्व और एडीजी क्राइम दिनेश एम.एन. की निगरानी में चलाए जा रहे संगठित अपराध विरोधी अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। आरोपी गिरोह सीमेंट और स्टील फैक्ट्रियों को नकली कोयला सप्लाई कर उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहा था। एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि गिरोह ट्रक चालकों को 5 से 10 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से लालच देकर उनके ट्रकों से असली कोयला उतरवा लेते थे। इसके बाद नकली कोयले का डस्ट मिलाकर वही ट्रक फैक्ट्रियों की ओर रवाना कर दिए जाते थे। यह सब सिरोही के पिण्डवाड़ा-आबूरोड हाईवे स्थित तुलसी होटल के पीछे एक बंद पड़ी फैक्ट्री में किया जा रहा था।
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पुलिस को यह सफलता हेड कांस्टेबल रमेश कुमार की एक गोपनीय सूचना के आधार पर मिली। डीआईजी योगेश यादव और एएसपी नरोत्तम वर्मा के पर्यवेक्षण में पुलिस उपाधीक्षक फूलचंद टेलर और पुलिस निरीक्षक रामसिंह नाथावत के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने थाना रोहिड़ा पुलिस के सहयोग से भुजेला हाईवे पर छापेमारी की। मौके से पुलिस ने दो ट्रक, एक लोडर, एक डोजर मशीन और कोयले से भरे ट्रकों की सील तोड़ने के उपकरण जब्त किए।
मामले में गुजरात के पाटन जिले के रहने वाले इरफान पुत्र हारून (उम्र 32 वर्ष) को मौके से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वे प्रतिदिन करीब 15-20 टन कोयला ट्रकों से निकालते थे और उसकी जगह नकली डस्ट कोयला भरते थे। इससे गिरोह को प्रतिदिन 1 से 1.5 लाख रुपये की अवैध कमाई होती थी। इस पूरी कार्रवाई में प्रमुख अधिकारी और जवान फूलचंद टेलर, रामसिंह नाथावत, बनवारीलाल, दुष्यंत सिंह, रमेश कुमार, महेश सोमरा, शाहीद अली, राकेश कुमार, हेमन्त शर्मा, महावीर, महेंद्र सिंह, राजेश कुमार, हिमांशु सिंह, हिम्मत सिंह, माया पंडित, देवाराम, शंकरलाल, मोरमुकुट शामिल थे। हेड कांस्टेबल रमेश कुमार की भूमिका इस केस में निर्णायक रही।