राजस्थान में स्मार्ट मीटर को लेकर सियासत ने नया मोड़ ले लिया है। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के विरोध के बाद ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने साफ कहा कि स्मार्ट मीटर योजना तो गहलोत सरकार की देन है, भाजपा सरकार तो बस उसे आगे बढ़ा रही है।
मंत्री नागर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस के समय जयपुर, जोधपुर और अजमेर में 5.50 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए थे। अब वही नेता इसका विरोध कर रहे हैं, जबकि तब उन्होंने कोई सवाल नहीं उठाया। राजनीति में दोहरी बात नहीं चलती।
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बंद मकान पर आया 1.26 लाख का बिल, मंत्री ने दी सफाई
जयपुर के जोबनेर इलाके में एक बंद मकान पर 1.26 लाख रुपये का बिल आने से हड़कंप मच गया। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पुराने मीटर की रीडिंग 14.512 थी, लेकिन मैन्युअल एंट्री में 14,512 लिख दिया गया, जिससे बिल कई गुना ज्यादा बन गया। उन्होंने दावा किया कि स्मार्ट मीटर लगने से ऐसी गलतियों की गुंजाइश खत्म हो जाएगी, क्योंकि पूरा सिस्टम स्वचालित रहेगा।
स्मार्ट मीटर से क्या होंगे फायदे?
ऊर्जा मंत्री के मुताबिक, स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को समय पर और सटीक बिल मिलेगा। डिजिटल रिचार्ज, रियल टाइम बिजली खपत की निगरानी और शिकायतों का त्वरित समाधान जैसे फायदे आम लोगों को मिलेंगे। उपभोक्ता बिजली खपत का बजट भी खुद तय कर पाएंगे।
बिजली कंपनियों को भी मिलेगी राहत
बिजली कंपनियों के लिए भी यह प्रणाली फायदे का सौदा होगी। मंत्री नागर ने कहा कि स्मार्ट मीटर से राजस्व वसूली और बिलिंग सिस्टम मजबूत होगा। साथ ही तकनीकी नुकसान घटेगा और रिमोट से कनेक्शन-डिस्कनेक्शन जैसी सुविधाएं संभव होंगी।
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फ्री बिजली योजना रहेगी जारी
राज्य सरकार की 100 यूनिट फ्री बिजली योजना पर भी मंत्री ने स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी यह सुविधा बंद नहीं होगी। भविष्य में इसे पीएम सूर्यघर योजना से जोड़कर 150 यूनिट फ्री बिजली देने की योजना भी बनाई जा रही है।