राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने महिलाओं की बहुआयामी क्षमताओं की प्रशंसा कर कहा कि नारी हर जिम्मेदारी निभाने में निपुण है, चाहे वह राशन की हो या शासन की। वे जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं, जहां उन्होंने ऐतिहासिक दृष्टांतों के माध्यम से महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और सामाजिक योगदान को रेखांकित किया।
नारी शक्ति का प्रतीक थीं अहिल्याबाई होल्कर
राजे ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर जैसी वीरांगना महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जिन्होंने न केवल एक शक्तिशाली शासक के रूप में अपने राज्य का कुशल संचालन किया, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ से रामेश्वरम और द्वारका से पुरी तक जिन मंदिरों को आक्रमणों में क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, अहिल्याबाई ने उनके पुनर्निर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया। काशी का विश्वनाथ मंदिर भी उन्हीं की देन है।
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नारी शक्ति वंदन अधिनियम को बताया ऐतिहासिक कदम
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऐतिहासिक कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को मंजूरी देना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है। उन्होंने इसे अहिल्याबाई होल्कर जैसी महिलाओं को श्रद्धांजलि बताया, जिन्होंने अपने समय में असाधारण नेतृत्व कौशल का परिचय दिया।
घरेलू जिम्मेदारियों में भी नारी अतुलनीय
राजे ने समाज में महिलाओं की घरेलू भूमिकाओं की चर्चा कर कहा कि महिलाएं न केवल घर संभालती हैं, खाना बनाती हैं, बच्चों की देखभाल करती हैं, बर्तन साफ करती हैं, बल्कि थकान के बावजूद कोई शिकायत नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी उसी रास्ते से घर आती हैं, जिस पर आप चलते हैं। लेकिन वे आपकी तरह यह नहीं कहतीं कि ‘मैं थक गई।’
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