राजस्थान में बच्चों में दिल की गंभीर बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर दिन औसतन तीन बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें दिल में छेद जैसी गंभीर स्थिति के चलते तत्काल सर्जरी की जरूरत पड़ रही है। अभी तक ऐसे मामलों में या तो बच्चों को एसएमएस अस्पताल भेजना पड़ता था या फिर गंभीर स्थिति में दिल्ली एम्स रेफर करना पड़ता था। लेकिन अब जयपुर के जेके लोन अस्पताल में ही पीडियाट्रिक कार्डियोथोरेसिक सर्जरी की सुविधा शुरू होने जा रही है।
एसएमएस में हर दिन पहुंचते हैं तीन गंभीर मरीज
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक माहेश्वरी के मुताबिक, एसएमएस अस्पताल में हर दिन औसतन तीन बच्चे ऐसे आते हैं जिन्हें दिल की गंभीर बीमारी के चलते तत्काल ऑपरेशन की जरूरत होती है। बच्चों में congenital heart disease (जन्मजात हृदय रोग) के मामलों में बीते कुछ वर्षों में बढ़ोतरी देखी गई है।
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जेके लोन में विकसित हुई अत्याधुनिक यूनिट
अब जेके लोन अस्पताल में पीडियाट्रिक कार्डियोथोरेसिक सर्जरी यूनिट स्थापित कर दी गई है। इसके तहत:
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एक अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर तैयार किया गया है।
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10 बेड वाला एडवांस आईसीयू स्थापित किया गया है।
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5 बेड की हाई डिपेंडेंसी यूनिट (HDU) बनाई गई है।
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25 सामान्य बेड उपलब्ध हैं।
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इलाज के लिए एक कैथ लैब भी तैयार की गई है।
यह विभाग जेके लोन अस्पताल के इमरजेंसी के तीसरे फ्लोर पर शुरू किया गया है।
दो तरह की बीमारियां ज्यादा मिल रही हैं
एसएमएस मेडिकल कॉलेज की कार्डियक वैस्क्युलर एंड थोरेसिक सर्जन डॉ. हेमलता वर्मा के अनुसार, छोटे बच्चों में दो तरह की दिल की बीमारियां सबसे ज्यादा देखने को मिल रही हैं —
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जिनमें दिल में छेद होता है लेकिन बच्चे नीले नहीं पड़ते।
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जिनमें दिल में छेद के कारण बच्चे नीले पड़ने लगते हैं।
कुछ मामलों में स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि समय पर सर्जरी नहीं होने पर बच्चे की जान को खतरा हो सकता है।
अब एम्स नहीं जाना पड़ेगा
अब तक गंभीर मामलों में बच्चों को एसएमएस अस्पताल रेफर किया जाता था। वहां भी वेटिंग लंबी होने पर कई बार इलाज में देरी हो जाती थी। कुछ मामलों में ऑपरेशन के लिए बच्चों को दिल्ली एम्स भेजना पड़ता था। अब यह नई यूनिट शुरू होने से राजस्थान के बच्चों को जयपुर में ही समय पर सर्जरी मिल सकेगी।
प्राइवेट में लाखों का खर्च, यहां मुफ्त इलाज
डॉ. हेमलता वर्मा ने बताया कि अगर यही सर्जरी प्राइवेट अस्पतालों में करवाई जाए तो करीब 9–10 लाख रुपये तक का खर्च आता है। लेकिन जेके लोन अस्पताल में यह सुविधा पूरी तरह निशुल्क होगी। इसका सीधा लाभ प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मिलेगा।