पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार नौसेना कर्मी विशाल यादव से पूछताछ में रोज नए-नए खुलासों से सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी महिला हैंडलर के अलावा दो अन्य लोगों के भी संपर्क में था। दिल्ली स्थित नौसेना भवन के डॉकयार्ड शाखा से पकड़े गए यूडीसी विशाल यादव का कोर्ट से चार दिन का रिमांड मिला था। इसमें से दो दिन पूरे हो चुके हैं।
इंटेलिजेंस नक्शा-मौका तस्दीक कराने के लिए आरोपी को दिल्ली ले गई, जहां आरोपी के कार्यालय की तलाशी के साथ विशाल के अधिकारी और साथी कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। आरोपी विशाल ने पूछताछ के दौरान गोपनीय दस्तावेज के प्रिंटआउट निकालकर पाकिस्तानी जासूस महिला हैंडलर को भेजने की बात कबूल की थी। इंटेलिजेंस को अभी वह कार बरामद नहीं हुई है, जिसमें बैठकर विशाल ने सूचनाएं भेजी थीं। विशाल को ये जानकारी थी कि उससे बात करने वाली महिला पाकिस्तानी एजेंट है। इसके बावजूद वह पैसे के लालच में लगातार सूचनाएं भेजता रहा।
क्या दस्तावेज भेजे, हो रही जांच
आरोपी विशाल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की गतिविधि और बैठक संबंधित कई सूचनाएं पाकिस्तान भेजी थीं। बदले में उसे 50 हजार रुपए मिले थे। अब तक की जांच में पता चला है विशाल के खाते में करीब 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम भेजी गई थी। राजस्थान इंटेलिजेंस के साथ-साथ अन्य एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि विशाल ने क्या-क्या दस्तावेज भेजे थे।
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परिवार को 24 जून को लगा गिरफ्तारी का पता
विशाल की गिरफ्तारी का पता परिवार को 24 जून को लगा। परिवार का दावा है कि विशाल 16 जून को दिल्ली में ड्यूटी के बाद घर के लिए निकला था। विशाल के दिल्ली से निकलते ही राजस्थान इंटेलिजेंस ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। जब वह मानेसर पहुंचा तो इंटेलिजेंस ने उसकी गाड़ी रोकी और उसे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। विशाल यादव की गाड़ी मानेसर में एक मेडिकल स्टोर के बाहर खड़ी करवा दी। उसके बाद टीम उसे साथ ले गई।
इसके बारे में परिवार को कुछ पता नहीं था। विशाल के घर न पहुंचने पर परिवार को चिंता होने लगी। अचानक 22 जून को चचेरे भाई के पास कॉल आई कि विशाल दो दिन में आ जाएगा। कहीं बाहर घूमने गया है। उसके बाद परिवार एक्टिव हुआ और पुलिस ने उसका फोन सर्विलांस पर लगवाया। अंतिम लोकेशन मानेसर की मिली। इसके बाद परिवार मानेसर पहुंचा तो वहां उसकी गाड़ी मिली।
पाकिस्तानी जासूस को दी गोपनीय जानकारी
जयपुर पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी-सुरक्षा) विष्णु कांत गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि आरोपी विशाल यादव ने एक पाकिस्तानी जासूस को गोपनीय जानकारी साझा की, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित विवरण शामिल है। यादव ने जानकारी देने के बदले कुल मिलाकर लगभग दो लाख रुपये प्राप्त करने की बात कबूल की। इसमें ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित जानकारी लीक करने के लिए 50 हजार रुपये शामिल थे। कुछ भुगतान यूएसडीटी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में भी किया गया था।
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पिता और चाचा ने की है हरियाणा पुलिस में नौकरी
विशाल यादव का पारिवारिक बैकग्राउंड पुलिस का रहा है, जिसने इस गिरफ्तारी को और अधिक चौंकाने वाला बना दिया है। विशाल के पिता सुनील यादव हरियाणा पुलिस में एएसआई (सहायक उप-निरीक्षक) के पद पर तैनात थे, जिनकी लगभग 12 साल पहले रोहड़ाई गांव के पास एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। विशाल के दो चाचा, भी हरियाणा पुलिस में सेवा दे चुके हैं।
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