भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और पूर्व सांसद कनकमल कटारा ने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 से अब तक महत्वपूर्ण, कड़े एवं जन आस्था से जुड़े निर्णय लिए हैं
लेकिन बांसवाड़ा सांसद जो आदिवासी हित एवं समाज की बात करते रहे हैं, उन्हें वक्फ बिल के समर्थन में वोट देना था। यह दुर्भाग्य ही है कि सांसद राजकुमार रोत ने वक्फ संशोधन बिल के विरोध में वोट कर आदिवासियों की भावनाओं के विरोध का काम किया है ।
भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कटारा ने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल मुस्लिम गरीब कल्याण, शिक्षा, चिकित्सा, सेवा को समर्पित है। वक्फ बोर्ड पर पहले कुछ मुस्लिम बाहुबलियों ने कब्जा कर लिया और स्वयं बड़ा लाभ पा रहे थे। जनजाति वर्ग की जमीन अब वक्फ बोर्ड नहीं हथिया सकेगी, ऐसे प्रावधान मोदी सरकार ने किए हैं।
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बांसवाड़ा सांसद एवं भारत आदिवासी पार्टी के नेताओं ने आदिवासियों को गुमराह किया है। युवाओं को बरगला रहे हैं। युवाओं को नशे की प्रवृत्ति की ओर आगे बढ़ा रहे हैं। ये लोग सनातन के विरोध में हैं, इस बात को यहां के जनजाति समाजजन अब तेजी से समझ रहे हैं।
प्रेस वार्ता में डूंगरपुर जिला अध्यक्ष अशोक पटेल, रानोली राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जनजाति मोर्चा हकरू मईडा, पूर्व प्रधान राजेश कटारा जिला उपाध्यक्ष महावीर बोहरा, खेमराज गरासिया, शांतिलाल पंड्या, जिला मीडिया प्रभारी संजय पंड्या, गुरु प्रसाद पटेल, परमेश्वर मईडा, मणिलाल गुर्जर, बलवंत पंचाल, दिलीप अधिकारी आदि लोग मौजूद रहे।