राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अवैध खनन को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में अवैध खनन चरम पर है और सरकार इस पर आंखें मूंदे बैठी है। नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में खनन माफिया बेखौफ हैं और सरकार की उदासीनता के चलते अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्तापक्ष के विधायक और मंत्री तक अवैध खनन को लेकर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन सरकार कुंभकर्णी नींद में सो रही है।
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उन्होंने मंत्री अविनाश गहलोत के बयान पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री डीएसपी को अवैध खनन करने वालों को न पकड़ने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने इसे सरकार द्वारा खनन माफिया को दिए जा रहे संरक्षण का प्रमाण बताया।
जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और गृह राज्यमंत्री पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री के क्षेत्रों में भी अवैध खनन चरम पर है। भरतपुर और डीग में 413 खनन पट्टों में से पिछले दो सालों में 322 अवैध खनन के मामले दर्ज हुए हैं, जो सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
राजस्थान भूजल संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक पर बोलते हुए जूली ने कहा कि यह विधेयक राज्य की जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें भूजल संरक्षण की कोई ठोस योजना नहीं है। जूली ने कहा, “राजस्थान में जितनी जरूरत है, उससे अधिक बारिश होती है, लेकिन जल संरक्षण की व्यवस्था न होने के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं।”
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उन्होंने यह भी कहा कि नए कानून के तहत हैंडपंप और बोरिंग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे आम जनता को पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा। जूली ने इसे तानाशाही बताते हुए विधेयक को जनमत के लिए भेजने की मांग की।