राजस्थान की राजधानी जयपुर में मानसून की पहली बारिश ने नगर निगम और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। रामनिवास बाग के सामने रवींद्र मंच के पास हुई एक छोटी लेकिन बेहद मार्मिक घटना ने शहर की अव्यवस्थित जल निकासी व्यवस्था की कड़वी सच्चाई उजागर कर दी। बारिश में एक युवक का मोबाइल पानी में गिर गया और उसे न पाकर वह सड़क किनारे बैठकर फूट-फूट कर रोने लगा।
जलभराव में स्कूटी समेत गिरा युवक, मोबाइल भी खो गया
जानकारी के अनुसार, जयपुर के सुभाष चौक निवासी हलधर नामक युवक अपनी स्कूटी से रामनिवास बाग क्षेत्र से गुजर रहा था। उसी समय तेज बारिश हो रही थी और रवींद्र मंच के मुख्य द्वार के पास सड़क पर भारी जलभराव था। जलस्तर इतना अधिक था कि सड़क दिखाई ही नहीं दे रही थी। जब हलधर उस इलाके से निकला, तो उसकी स्कूटी पानी में फिसल गई और वह गिर पड़ा। इसी दौरान उसका मोबाइल फोन जेब से निकलकर पानी में गिर गया और डूब गया।
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बारिश में मोबाइल ढूंढने की कोशिश करता रहा युवक
हलधर ने गिरते ही सबसे पहले अपना मोबाइल ढूंढने की कोशिश की। बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी, लेकिन वह लगातार गंदे पानी में झुक-झुक कर मोबाइल तलाशता रहा। जब काफी देर तक प्रयास के बाद भी मोबाइल नहीं मिला, तो वह थक हारकर वहीं सड़क किनारे बैठ गया और बिलख-बिलख कर रोने लगा। इस भावुक क्षण को वहां मौजूद किसी राहगीर ने अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर उठे तीखे सवाल
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, लोगों का गुस्सा जयपुर नगर निगम और जिला प्रशासन पर फूट पड़ा। सोशल मीडिया पर आम नागरिकों ने सवाल उठाए कि आखिरकार हर साल बारिश में यही हाल क्यों होता है? कई यूजर्स ने यह भी लिखा कि एक स्मार्ट सिटी कहलाने वाले शहर की यह हालत चिंताजनक है।
जलभराव से गहराया खतरा, सड़कों के नीचे छिपे हैं जानलेवा गड्ढे
रवींद्र मंच के बाहर जिस स्थान पर यह घटना हुई, वहां जलभराव का यह कोई पहला मामला नहीं है। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों का कहना है कि यहां हर साल यही दृश्य देखने को मिलता है। गंदा पानी जमा रहता है और उसके नीचे दो से चार फीट तक गहरे गड्ढे हैं, जो दिखाई नहीं देते। कई बार लोग बाइक समेत उसमें गिर चुके हैं। जलनिकासी की कोई ठोस व्यवस्था न होने से यह इलाका बारिश के बाद कई दिनों तक जलमग्न रहता है।
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स्थानीय लोगों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
रामनिवास बाग के आसपास के व्यापारी और स्थानीय निवासी वर्षों से प्रशासन से जलनिकासी की समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है और स्थिति जस की तस बनी रहती है। अब जब यह मामला वायरल हो गया है, तो स्थानीय लोगों ने नगर निगम से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
विफल साबित हुई स्मार्ट सिटी की योजनाएं
जयपुर को स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विकसित किए जाने की घोषणाएं तो खूब हुई हैं, लेकिन जमीनी हकीकत हर साल की पहली बारिश में उजागर हो जाती है। जलभराव, टूटे-फूटे फुटपाथ, गड्ढों से भरी सड़कें और खराब ड्रेनेज सिस्टम शहर के विकास की सच्चाई को बयां कर देते हैं। हलधर की यह दुखद घटना केवल एक मोबाइल खोने की पीड़ा नहीं, बल्कि सिस्टम की संवेदनहीनता का प्रतीक बन गई है।