जयपुर में सीरियल धमाके की साजिश रचने वालों में शामिल रतलाम निवासी फिरोज खान को एनआईए की विशेष टीम भोपाल केंद्रीय जेल से लेकर जयपुर रवाना हो गई है। एनआईए सीरियल धमाके की साजिश रचने के मामले की जांच कर रही है और दस कट्टरपंथियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
फिरोज मध्यप्रदेश के रतलाम का रहने वाला है और अपने गांव में खेतों में बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर बंकर जैसा बनाकर उसमें भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक छिपा रखा था। फिरोज सहित आधा दर्जन से अधिक कट्टरपंथी अलसुफा संगठन में शामिल थे और फिरोज खान उस संगठन का खजांची का पद संभालता था। एनआईए मार्च 2022 से फिरोज खान की तलाश कर रही थी, लेकिन वह फरार था। जयपुर एनआईए ने उस पर पांच लाख का इनाम घोषित किया था। बीते 3 अप्रैल को रतलाम एसपी अमित कुमार की अगुवाई में गठित विशेष टीम ने उसे रतमाल में उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह बहन के घर ईद मनाने पहुंचा था। एनआईए का वांछित अपराधी होने के कारण रतलाम जेल में सुरक्षा की व्यवस्था कम होने के कारण उसे पांच अप्रैल को भोपाल केंद्रीय जेल शिफ्ट किया गया था।
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क्या है पूरा मामला
30 मार्च 2022 को राजस्थान के निंबाहेड़ा में राजस्थान पुलिस ने 12 किलो विस्फोटक सामग्री के साथ जुबेर निवासी आनंद कॉलोनी, अल्तमस पुत्र बशीर खान और सरफुद्दीन उर्फ सेफुल्ला पुत्र रमजानी निवासी शेरानीपुरा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सात अन्य आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी कट्टरपंथी संगठन अल सुफा ग्रुप से जुड़े थे। पूर्व में गिरफ्तार किए गए 10 आरोपी जयपुर की जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ न्यायालय में चालान भी पेश किया जा चुका है। इसी मामले में फिरोज खान फरार था। उसे गिरफ्तार करने के लिए जयपुर एनआईए ने पांच लाख का इनाम घोषित किया था। फिरोज तीन साल से फरार चल रहा था, जिसे तीन अप्रैल को रतलाम पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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भोपाल जेल के अंडा सेल में बंद था फिरोज
फिरोज सिद्दीकी को भोपाल की केंद्रीय जेल के उच्च सुरक्षा वाले बैरक जिसे अंडा सेल में रखा गया था। कट्टरपंथी फिरोज को सुरक्षा कारणों से भोपाल केंद्रीय जेल भेजा गया है, जहां उसे उच्च सुरक्षा वाले अंडा सेल में रखा गया था। यह वही अंडा सेल है, जहां वर्तमान में प्रतिबंधित कट्टरपंथी और आतंकी संगठनों के करीब 69 आतंकी रह रहे हैं। मुंबई के आर्थर रोड जेल और पुणे के यरवडा जेल के अंडा सेल की तर्ज पर ही भोपाल सेंट्रल जेल में हाई रिस्क बंदियों को रखने के लिए एक बैरक बनाई गई है, जो अंडे के आकार की है। इसलिए उसे अंडा सेल कहते हैं। अंडा सेल में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त जेल प्रहरियों को 24 घंटे तैनात किया जाता है और अधिकारी भी मानीटरिंग करते हैं। इसके साथ ही एक सैकड़ा सीसीटीवी कैमरों पर जेल प्रबंधन अलग से इस बैरक की मानीटरिंग करता है। इस बैरक के अंदर बने कमरों के आकार भी अंडे की तरह के होते हैं, ताकि बंदियों की चारों तरफ से निगरानी की जा सके।
मध्यप्रदेश में सुबसे सुरक्षित मानी जाती है भोपाल जेल
यह पहला मामला नहीं है, जब मध्यप्रदेश में पकड़ाया कट्टरपंथी भोपाल जेल लाया गया है। इसके पहले जबलपुर से पकड़ाए आईएसआईएस, भोपाल में एचयूटी और बांग्लादेशी आतंकी संगठन के जिहादी भी भोपाल सेंट्रल जेल में बंद हैं। खंडवा-बुरहानपुर से लेकर इंदौर और उज्जैन से पकड़ाए सिमी आतंकियों, सिमी का सरगना सफदर नागौरी भी भोपाल सेंट्रल जेल में हैं। भोपाल से लेकर मालवा क्षेत्र के अलग-अलग जिलों से बीते वर्ष गिरफ्तार किए गए एसएफआई के आतंकी भी भोपाल सेंट्रल जेल की इसी हाई सिक्योरिटी बैरक ‘अंडा सेल’ में ही रखे गए हैं। कट्टरपंथियों और आतंकियों को अति सुरक्षित जेलों में रखा जाता है, क्योंकि हमले कर इन्हें छुड़ाने के भी प्रयास हो सकते हैं। ऐसे में अलग-अलग जेलों में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध करने की अपेक्षा भोपाल में सभी को एक साथ रखकर चौकसी रखी जा रही है।