लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल के पास होने की खुशी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से आतिशबाजी और मिठाई बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हामिद खान मेवाती ने किया। हालांकि, यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय के अंदर न होकर मुख्यालय के बाहर गेट पर आयोजित किया गया, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं।
भाजपा के विभिन्न मोर्चों द्वारा किए जाने वाले उत्सव और आतिशबाजी के कार्यक्रम आमतौर पर पार्टी मुख्यालय के अंदर आयोजित किए जाते रहे हैं। प्रदेश मुख्यालय जो सी स्कीम में स्थित है, उसके अंदर दो बड़े पार्क और पर्याप्त जगह उपलब्ध है, जहां इस प्रकार के कार्यक्रम पहले होते रहे हैं। इस बार अल्पसंख्यक मोर्चा का यह आयोजन मुख्यालय के बाहर किए जाने से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
क्या थी वजह?
कार्यक्रम के बाहर होने को लेकर यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा को प्रदेश मुख्यालय के अंदर जश्न मनाने की अनुमति नहीं मिली? क्या इसके पीछे अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व कार्यक्रम के दौरान हुए विवाद, जिसमें दो पदाधिकारियों के बीच हाथापाई हो गई थी, की कोई भूमिका रही? या फिर इसके पीछे कोई और बड़ी वजह थी? हालांकि, भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों ने इसे महज एक सामान्य घटना बताकर टाल दिया।
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भाजपा पदाधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस दौरान कई भाजपा पदाधिकारियों से बात की गई। भाजपा प्रदेश कार्यालय प्रभारी मुकेश पारीक ने कहा कि अल्पसंख्यक मोर्चा खुशी जाहिर कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस खुशी के मौके पर प्रदेश मुख्यालय के बाहर आतिशबाजी कर मिठाई बांटकर जश्न मनाया गया है। इस दौरान मुकेश पारीक से पूछा गया कि इस कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश मुख्यालय के अंदर क्यों नहीं किया गया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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अल्पसंख्यकों तक पहुंचने की मोदी सरकार की कोशिशें
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अल्पसंख्यकों तक पहुंचने के प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने राजस्थान के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए ईद के मौके पर “शो गेट मोदी” के तहत एक लाख पैकेट्स भी भिजवाए थे। ऐसे में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा प्रदेश मुख्यालय के अंदर जश्न न मनाए जाने की घटना कई सवाल खड़े करती है। इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या यह केवल एक संयोग था या फिर इसके पीछे कोई खास वजह थी, यह अब भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।