राजधानी जयपुर के शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोविंदपुरा बासड़ी से एक ऐसा नाम सामने आया है, जिसने यह साबित कर दिया कि हौसले अगर बुलंद हों तो कोई भी कमी मंजिल की राह में बाधा नहीं बन सकती। विवेक कुमार अटल एक ऐसा दिव्यांग युवक, जिसने दोनों हाथों के अभाव में भी हार नहीं मानी, बल्कि अपने पैरों को ही अपने सपनों का जरिया बना लिया।
पढ़ाई में भी अव्वल, खेल में भी नायक
विवेक ने न सिर्फ सामान्य स्कूलिंग की, बल्कि अपने पैरों से लिखकर 10वीं कक्षा में 74.33% अंक हासिल किए। यह आंकड़ा उनके आत्मबल, अनुशासन और कठिन परिश्रम का गवाह है। लेकिन विवेक की असली पहचान क्रिकेट के मैदान में सामने आती है, जहां वे पैरों से बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग करते हैं। उन्हें खेलते देखना सिर्फ हैरत की बात नहीं, बल्कि भावनाओं को झकझोर देने वाला अनुभव है। उनकी तकनीक, संतुलन और जज्बा हर किसी को दंग कर देता है।
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जनप्रतिनिधियों ने उठाई आवाज, राष्ट्रीय मंच देने की मांग
भाजपा नेता उपेन यादव ने विवेक के अद्भुत प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से अपील की है कि विवेक जैसे प्रतिभाशाली दिव्यांग खिलाड़ी को भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (DCCI) के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि विवेक जैसे खिलाड़ियों को मंच और अवसर देना जरूरी है ताकि वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें और देश का नाम रोशन कर सकें।
DCCI का सकारात्मक रुख, किया संपर्क का आग्रह
विवेक का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (DCCI) ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रतिक्रिया दी। DCCI ने कहा कि आपने विवेक कुमार अटल जैसे विलक्षण प्रतिभा का वीडियो साझा कर उन्हें हम तक पहुंचाने का काम किया है। DCCI की ओर से विनम्र आग्रह है कि कृपया हमारा विवेक जी से संपर्क करवाएं, ताकि हम उन्हें अपने कार्यक्रमों में आमंत्रित कर सकें।
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सिर्फ संघर्ष नहीं, एक प्रेरणादायक उदाहरण
विवेक की कहानी किसी फिल्मी पटकथा जैसी लग सकती है, लेकिन यह सच्चाई है। वह उन हजारों युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं जो छोटी-छोटी कठिनाइयों से घबरा जाते हैं। उनकी जिंदगी इस बात का सबूत है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो शरीर की सीमाएं भी महत्व नहीं रखतीं।