राजधानी जयपुर के मानसरोवर थाना क्षेत्र में तैनात एएसआई मदनलाल का एक घूस लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वीडियो सामने आने के तुरंत बाद पुलिस अधिकारियों ने एएसआई मदनलाल को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक, वायरल हुआ यह वीडियो करीब एक मिनट 29 सेकंड का है। इसमें एएसआई सादा वर्दी में एक व्यक्ति से नकद रुपये लेते नजर आ रहे हैं। वीडियो में दोनों के बीच की बातचीत भी रिकॉर्ड हुई है, जिसमें एएसआई यह पूछते सुनाई देते हैं कि पूरे हैं न, कोई कमी तो नहीं। जवाब में सामने वाला व्यक्ति कहता है कि पूरे हैं सरजी। छोटे भाइयों का ध्यान रखा करो।
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जानकारी के मुताबिक, यह मामला गंगा-जमुना पेट्रोल पंप के पास चार महीने पहले खुले एक कैफे से जुड़ा है। जहां कथित रूप से हुक्का बार भी संचालित किया जा रहा था। आरोप है कि एएसआई मदनलाल ने कैफे संचालक से हर महीने 15 हजार रुपये के बदले हुक्का बार चलाने की अनुमति दी थी। लेकिन 13 फरवरी को डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम (DST) ने यहां छापा मारकर 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें संचालक अजयराज सिंह, शंभू सिंह और मैनेजर हार्दिक सिंह भी शामिल थे।
DST की कार्रवाई के बाद हुक्का बार बंद कर दिया गया और हर महीने पैसा देना भी बंद कर दिया गया। इसके बाद आरोप है कि एएसआई मदनलाल ने दो बार और छापे डलवाए, लेकिन कोई सबूत नहीं मिले। तीसरी बार 30 अप्रैल की रात 10:30 बजे एक बार फिर छापा मारकर कर्मचारी करण सिंह को हिरासत में लिया गया। उसे छोड़ने के बदले 10 हजार रुपये घूस ली गई, जो वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
वीडियो में एएसआई मदनलाल पैसे लेने के बाद दूसरे कमरे में जाते हैं और करण सिंह को देखकर उसके कंधे पर हाथ रख छोड़ते हैं। इस दौरान कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवाए गए।
कैफे पर पथराव का आरोप
कैफे संचालक का यह भी आरोप है कि 25 अप्रैल की रात कुछ युवकों ने कैफे पर पथराव किया। यह हमला कथित तौर पर एएसआई के इशारे पर हुआ, जब युवकों को कैफे में प्रवेश नहीं मिला। पथराव के दौरान टूटे हुक्के के पाइप और अन्य सामान बरामद हुए, जिसकी तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हैं। पुलिस ने फुटेज को जब्त कर लिया है।
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पुलिस प्रशासन और एएसआई की सफाई
थाना प्रभारी लखन सिंह खटाना ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है। अगर किसी ने गलती की है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। हालांकि घूस देने और लेने वाले दोनों ही कानूनन दोषी होते हैं। वहीं, एएसआई मदनलाल का कहना है कि उनके पास केवल एक फोटो है जिसमें उन्हें किसी प्रकार की राशि लेते नहीं दिखाया गया है। उन्होंने किसी प्रकार की राशि लेने से इनकार किया है।
फिलहाल वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट तलब की है और प्राथमिक स्तर पर एएसआई मदनलाल को निलंबित कर दिया गया है।