थाना वैशाली नगर क्षेत्र में एक सनसनीखेज वारदात में घरेलू नौकर नेपाली दंपत्ति द्वारा एक ही परिवार की दो महिलाओं को नशीला पदार्थ देकर लूटपाट करने का मामला सामने आया है। पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) अमित कुमार (IPS) ने जानकारी दी कि 14 मई को रोहित सिंह द्वारा थाने में दी गई रिपोर्ट के अनुसार, उनके मामा संदीप चौधरी ने घरेलू कार्य के लिए नेपाली दंपत्ति भरत घनश्याम बिष्ट (निवासी राजकोट, गुजरात) व काजल (निवासी नेपाल) को 28 अप्रैल को अपने घर 128 आनंद नगर, वैशाली नगर में रखा था।
रिपोर्ट के अनुसार, रोहित को उनके मामा का फोन आया कि नानी कृष्णा चौधरी और मामी ममता चौधरी को नौकरों ने नशीला पदार्थ दे दिया है, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में सीके बिरला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। घर में जांच के दौरान अलमारी टूटी हुई मिली और कई कीमती सामान गायब थे।
मामले में तेजी से कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक सिंघल और सहायक पुलिस उपायुक्त आलोक गौतम के नेतृत्व में विशेष जांच टीम का गठन किया गया। इस टीम में थानाधिकारी रविंद्र सिंह नरूका, प्रभारी डीएसटी पश्चिम गणेश सैनी, चित्रकूट थाना से विमलेश कुमार सहित तकनीकी शाखा के अधिकारी शामिल रहे। टीमों ने घटनास्थल की जांच कर फिंगरप्रिंट और अन्य सबूत जुटाए। आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और संदिग्धों की पहचान कर उनका रूट मैप तैयार किया गया। तकनीकी विश्लेषण व मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर जानकारी मिली कि आरोपी नेपाल भागने की फिराक में हैं।
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बनबसा बॉर्डर से दबोचे गए आरोपी
टीम को तत्परता से बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व नेपाल बॉर्डर की ओर रवाना किया गया। 16 मई को बनबसा (उत्तराखंड) नेपाल बॉर्डर पर आरोपी नेपाल भागने की कोशिश में थे, जहां पुलिस टीम ने उन्हें बॉर्डर क्रॉस करने से पहले ही दबोच लिया। 17 मई को उनसे मामले में विस्तृत पूछताछ की गई जिसमें कई अहम जानकारियाँ सामने आई हैं। पुलिस द्वारा अन्य संभावित सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है।
पुलिस की तत्परता से बड़ी वारदात का खुलासा
जयपुर पुलिस की तेज़ कार्रवाई और बहुस्तरीय तालमेल से एक बड़ी आपराधिक वारदात का पर्दाफाश संभव हो सका है। मामले की जांच अभी जारी है और पुलिस अन्य पहलुओं पर भी काम कर रही है।