राजधानी जयपुर के हवा महल क्षेत्र से विधायक और हाथोज धाम के महंत बालमुकुंद एक सवाल पर उस समय नाराज हो गए जब अमर उजाला के पत्रकार ने उनसे वायरल हो रहे एक वीडियो पर जवाब मांगा। वीडियो में विधायक एक वेजिटेरियन बिरयानी के ठेले पर यह कहते नजर आ रहे थे कि भगवान के नाम से बिरयानी न बेची जाए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिसके बाद अमर उजाला ने विधायक से प्रतिक्रिया लेनी चाही। लेकिन सवालों की कड़ी में जब उनसे सरकार की ओर से इस पर कोई नियम बनाने को लेकर सवाल पूछा गया, तो विधायक माइक छोड़कर चलते बने।
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‘भगवान के नाम से न बिके बिरयानी’
वायरल वीडियो को लेकर विधायक बालमुकुंद ने सफाई देते हुए कहा कि कई लोग नॉनवेज या अन्य खाद्य सामग्री बेचते समय भगवान का नाम या तस्वीर का उपयोग कर रहे हैं, जो अनुचित है। उन्होंने कहा कि कई बार देखा गया है कि लोग ऐसे स्टॉल पर भगवान की तस्वीर लगाकर बिरयानी जैसे खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं और ग्राहक वहां नॉनवेज खा रहे होते हैं। ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति भगवान की तस्वीर पर हाथ लगा दे या अपवित्रता हो, यह सही नहीं है।
वेज-नॉनवेज नामों को लेकर दी गई सलाह
विधायक ने यह भी कहा कि आजकल कई खाद्य सामग्री के नाम ऐसे होते हैं जिनसे यह पहचानना मुश्किल होता है कि वह वेजिटेरियन है या नॉन-वेजिटेरियन। इसलिए लोगों को चाहिए कि वे नामकरण में सावधानी बरतें और धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ धर्म का मामला नहीं, बल्कि संस्कारों और परंपरा की बात भी है।
सवाल पर भड़के विधायक, माइक छोड़कर हुए रवाना
जब पत्रकार ने यह सवाल किया कि अगर यह मामला इतना गंभीर है तो क्या विधायक के रूप में वह विधानसभा में इसे लेकर कोई प्रस्ताव या कानून लाने की पहल करेंगे, तो विधायक बालमुकुंद नाराज हो गए। उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि आज आपने सलाह दी है, अब आपकी सलाह पर हम आगे काम करेंगे। इतना कहकर उन्होंने अमर उजाला का माइक छोड़ दिया और बातचीत बीच में ही खत्म कर दी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर पूछे सवाल से भी किया किनारा
इसके बाद जब पत्रकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ा सवाल पूछना चाहा, तो विधायक बालमुकुंद ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और चुपचाप वहां से चले गए। उन्होंने स्पष्ट तौर पर किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
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वायरल वीडियो से उठे सवाल, जनता में चर्चा तेज
विधायक का यह वीडियो जहां एक ओर कुछ वर्गों में समर्थन पा रहा है, वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या धर्म के नाम पर खानपान को नियंत्रित किया जाना चाहिए और क्या यह निजी स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं है। विधायक का मीडिया से यह व्यवहार भी अब चर्चा का विषय बन गया है।
आखिर कहा क्या था बालमुकुंदाचार्य ने?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में बालमुकुंद आचार्य स्टॉल संचालक से कहते हैं कि ‘मुगलिया फूड है ये। ये सनातन के देवता श्याम, इनका नाम यहां लिखना चाहिए क्या? इनकी तस्वीर यहां लगानी चाहिए क्या? आपको बिरयानी बेचनी है, बेचो। लेकिन भगवान की फोटो के साथ बिरयानी मत बेचो। उन्होंने आगे कहा कि अगर आज ‘श्याम बिरयानी’ लिखा जा रहा है, तो आगे चलकर ‘श्याम चिकन’ भी लिखा जाएगा, जो पूरी तरह अनुचित है।