ना हो किसानों का नुकसान भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह सुडा बताते हैं कि निरंतर मांग के बावजूद सरसों की सरकारी खरीद के लिए पंजीयन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। पहले 20 मार्च और अब अधिकारी कह रहे हैं कि एक अप्रेल से पंजीयन शुरू करेंगे। सरकारी खरीद में विलम्ब नहीं होना चाहिए, इससे किसानों को बहुत नुकसान होता है। प्रत्येक किसान से उसकी तय उपज की खरीद सुनिश्चित करने की मांग को लेकर जल्दी ही जिला कलक्टर से मिलेंगे। प्रति किसान 40 क्विंटल अधिकतम सीमा को 50 क्विंटल करने की मांग भी निरंतर उठा रहे हैं। एमएसपी व बाजार भाव इस साल सरसों का समर्थन मूल्य 5950 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। जबकि सोमवार को जंक्शन धान मंडी में सरसों का बाजार भाव 5525 से 5600 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मतलब कि 400 रुपए से भी ज्यादा का अंतर रहा। किसान से एमएसपी पर सरसों खरीद में विलम्ब हो और वह बाजार भाव पर बेचे तो प्रति क्विंटल उसे उपरोक्त नुकसान उठाना पड़े। खरीद के लिए केन्द्र जिले में सरसों की सरकारी खरीद के लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों में 19 केन्द्र बनाए गए हैं। इस बरस भी 40 क्विंटल सरसों ही प्रति किसान से अधिकतम खरीद की जानी है। गौरतलब है कि सरसों की बिजाई लगभग एक लाख 70 हैक्टेयर में हुई है।
india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi
ENGLISH NEWS
मंडियों में सरसों की आवक, एमएसपी व बाजार भाव में 400 से ज्यादा का अंतर, खरीद में देरी तो किसानों को नुकसान | Mustard starts arriving in the markets, there is a difference of more than 400 between MSP and market price, if there is delay in purchase then farmers will suffer loss

- Advertisement -