सुस्ती पर उठ रहे सवाल अखिल भारतीय किसान सभा रावतसर के तहसील सचिव अशोक शर्मा कहते हैं कि डीएपी के साथ एनएफएल व आरसीएफ मिट्टी की गोलियां जो बायो पोटाश के नाम से टाइट पदार्थ के रूप में किसानों को जबरन बेचा जाता है, यही वह संदिग्ध पदार्थ है जिसको नकली डीएपी के नाम से पैकिंग किया जा रहा था। जिले में उर्वरक विक्रेताओं के पास बायो पोटाश के नाम से नकली उर्वरक के लगभग एक लाख से अधिक थैले भंडारित हैं। इसके बावजूद कृषि विभाग अब भी सुप्त अवस्था में है। इस सुस्ती पर कई सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने बताया कि तीन सप्ताह बाद जिला स्तरीय जांच कमेटी प्राथमिक साक्ष्य से जांच करने आई। उसका अब कोई मतलब नहीं है। उर्वरक विक्रेताओं के यहां औचक निरीक्षण व सैंपल की निरंतर सघन कार्रवाई जरूरी है। किया परेशान, नहीं हटा पीछे रावतस पुलिस ने 10 मई को वार्ड 27 स्थित मकान में नकली डीएपी तैयार करने के आरोप में सैनिक जाट निवासी रामपुरा उर्फ रामसरा को गिरफ्तार किया। मौके से 134 बैग में भरी नकली डीएपी, 339 दानेदार जिप्सम से भरे बैग, 31 नकली डीएपी के खाली बैग, बैग सिलाई मशीन व एक कांटा बरामद किया गया। जागरूक किसान ने कृषि विभाग को इस फर्जीवाड़े की सूचना दी थी। कृषि विभाग ने जांच में मामला संदिग्ध लगने पर पुलिस बुलाकर कार्रवाई कराई। जागरूक नागरिक ने जब कृषि विभाग के अधिकारी को सूचना दी तो उससे लिखित में शिकायत व आधार कार्ड की कॉपी तक मांग ली गई थी। इसके बावजूद नागरिक पीछे नहीं हटा। आखिरकार सुबह दी गई सूचना पर शाम तक कृषि विभाग को कार्रवाई करानी पड़ी। यह कैसा गोलमाल इफको के थैलों में नकली डीएपी की पैकिंग का मामला सामने आने के बाद इफको प्रबंधन अलग से कॉपीराइट एक्ट आदि धाराओं में मामला दर्ज कराने को लेकर पुलिस को परिवाद देने की बात कह रहा है। हालांकि अब तक ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। कृषि विभाग के अधिकारी इफको के सुर में सुर मिलाते हुए कह रहे हैं कि दस मई के प्रकरण की जांच में ही इफको का परिवाद शामिल कर जांच की मांग की गई है। रोचक यह कि इफको की तरफ से ऐसा कोई अलग से परिवाद मिलने की बात से पुलिस इनकार कर रही है। सौंप चुके पुलिस को परिवाद इफको के थैलों में नकली डीएपी पैकिंग का मामला सामने आने के बाद हमने छवि खराब करने व कॉपीराइट एक्ट में कार्रवाई को लेकर रावतसर पुलिस को परिवाद दिया था। जांच टिब्बी एसएचओ के पास होने के कारण फिर उनको परिवाद दिया गया। प्रकरण अलग से दर्ज नहीं किया गया है। – विजय लाम्बा, इफको अधिकारी, हनुमानगढ़। तत्काल होना था अलग से मामला दर्ज इफको के थैलों में नकली डीएपी की पैकिंग का मामला सामने आने के तत्काल बाद ही इफको प्रबंधन को अलग से धोखाधड़ी, कॉपीराइट एक्ट आदि धाराओं में आरोपियों पर अलग से मामला दर्ज कराना चाहिए था। किसान संघ ने भी यह मामला इफको अधिकारियों के समक्ष उठाया। इसके बावजूद प्रकरण दर्ज कराने में ढील बरती गई। – प्रतापसिंह सुडा, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ। इफको ने नहीं दिया कोई परिवाद कार्रवाई रावतसर पुलिस ने की, इसकी जांच मेरे पास है। दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आरोपियों की बात कराने वाला बिचौलिया फरार है। उसकी तलाश में टीम भेज रखी है, जल्दी ही गिरफ्तार कर लेंगे। इफको प्रबंधन ने अलग से मामला दर्ज करने के संबंध में कोई परिवाद नहीं दिया है। – हंसराज लूणा, जांच अधिकारी व टिब्बी एसएचओ।
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नकली खाद के साथ सहायक उर्वरक भी नकली, त्रि-स्तरीय जांच की रस्म, अब तक हासिल कुछ नहीं

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