Girija Vyas Passed Away: राजनीति की कवयित्री, समाज की मां…अब स्मृतियों में ही रहेंगी जिंदा

Must Read


भारतीय राजनीति, साहित्य और समाजसेवा की त्रिवेणी कही जाने वाली डॉ. गिरिजा व्यास अब हमारे बीच नहीं रहीं। एक दर्दनाक हादसे ने इस बहुआयामी व्यक्तित्व की जीवन यात्रा का अंत कर दिया। अहमदाबाद के ज़ायडस अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाली डॉ. व्यास 90 प्रतिशत झुलसने और ब्रेन हेमरेज के बाद कई दिनों तक ज़िंदगी से लड़ती रहीं, लेकिन आख़िरकार ये जंग वे हार गईं।




Trending Videos

Girija Vyas Passed Away Poetess of politics mother of society now she will remain alive only in memories

2 of 5

गिरिजा व्यास
– फोटो : अमर उजाला


उनके निधन की खबर से मेवाड़ शोक में डूब गया। उदयपुर की सड़कों, राजनीतिक गलियारों और साहित्यिक मंचों पर केवल एक नेता के जाने का शोक नहीं, एक युग की विदाई का दर्द महसूस किया गया।

यह भी पढ़ें: पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का निधन, पूजा के दौरान लगी आग में झुलस गईं थीं


Girija Vyas Passed Away Poetess of politics mother of society now she will remain alive only in memories

3 of 5

डॉ. गिरिजा व्यास
– फोटो : अमर उजाला


नाथद्वारा की बेटी डॉ. व्यास दर्शन शास्त्र में डॉक्टरेट करके अमेरिका तक पहुंचीं। मगर जड़ों से जुड़ी रहीं। उन्होंने न केवल विश्वविद्यालयों में पढ़ाया, बल्कि आठ किताबें भी लिखीं, जिनमें से ‘एहसास के पर’ और ‘सीप, समुद्र और मोती’ आज भी पाठकों को झकझोरते हैं।

यह भी पढ़ें: गिरिजा व्यास के स्वास्थ्य का हाल जानने अहमदाबाद पहुंचे अशोक गहलोत, परिजनों से की मुलाकात

25 वर्ष की उम्र में जब वो पहली बार विधायक बनीं, तो किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन वही महिला संसद, मंत्रालय, महिला आयोग और प्रदेश कांग्रेस जैसे अहम मंचों की आवाज़ बनेंगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में उनके निर्णय, महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनके कदम और स्ट्रीट वेंडर कानून जैसी पहल उन्हें दूरदर्शी नेता साबित करती हैं।


Girija Vyas Passed Away Poetess of politics mother of society now she will remain alive only in memories

4 of 5

गिरिजा व्यास
– फोटो : अमर उजाला


चित्तौड़गढ़ और उदयपुर से उन्होंने चुनाव लड़े, जीते और भाजपा के दिग्गज गुलाबचंद कटारिया को भी हराया, पर राजनीति उनके लिए सिर्फ सत्ता का माध्यम नहीं, सेवा का मंच था। साल 2018 में अंतिम चुनाव हारने के बाद वे चुनावी राजनीति से दूर हो गईं, लेकिन समाज और साहित्य से नहीं। अंतिम दिनों तक वे मंचों पर नारी चेतना की कवयित्री बनी रहीं लिखती रहीं, बोलती रहीं और लोगों को सोचने पर मजबूर करती रहीं।

यह भी पढ़ें: पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास की स्थिति में 48 घंटे बाद भी सुधार नहीं, ‘दवा के साथ दुआ की जरूरत’


Girija Vyas Passed Away Poetess of politics mother of society now she will remain alive only in memories

5 of 5

गिरिजा व्यास
– फोटो : अमर उजाला


डॉ. गिरिजा व्यास का जाना केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व की विदाई नहीं है, ये उस संवेदनशील सोच की चुप्पी है, जो राजनीति में भी इंसानियत तलाशती थी। उनके विचार, उनकी कविताएं और उनका संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को न सिर्फ दिशा देगा, बल्कि जीने का एक मकसद भी सिखाएगा।

यह भी पढ़ें: पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास की हालत नाजुक, पूजा के समय लगी थी आग, 90 प्रतिशत झुलसीं


rajasthan, rajasthan news, hindi rajasthan, hindi rajasthan news, hindi news, rajasthan news update, rajasthan news today, rajasthan today, latest rajasthan news, latest news today, sri ganganagar news, sri ganganagar news today, hanumangarh news. hindi news rajasthan, bikaner news, bikaner news hindi, oxbig news, hindi oxbig news, oxbig news network

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -