राजस्थान इंटेलिजेंस ने एक बड़ी कार्रवाई कर जैसलमेर में कार्यरत सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) और कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के पूर्व निजी सहायक शकूर खां को जासूसी के संदेह में हिरासत में लिया है। दरअसल, देशभर में सुरक्षा एजेंसियां इन दिनों पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क पर नजर गड़ाए हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराया है और इसके साथ ही देश में आतंरिक सुरक्षा एजेंसियां हर संदिग्ध गतिविधि को लेकर सतर्क हो गई हैं।
जयपुर लाया गया आरोपी, गहन पूछताछ जारी
राजस्थान इंटेलिजेंस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शकूर खां को बुधवार देर रात जैसलमेर से हिरासत में लिया गया। उसके बाद उसे जयपुर स्थित इंटेलिजेंस मुख्यालय लाया गया, जहां केंद्र व राज्य की खुफिया एजेंसियों की एक संयुक्त टीम उससे पूछताछ कर रही है। इस पूछताछ में यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि शकूर खां का पाकिस्तान के किन व्यक्तियों और एजेंसियों से संपर्क था और क्या उसने सामरिक दृष्टि से संवेदनशील सूचनाएं साझा की हैं।
कई दस्तावेज डिलीट करने की भी पुष्टि
शकूर खां के मोबाइल फोन की प्रारंभिक जांच में पाकिस्तान के कई अनजान नंबर मिलने की बात सामने आई है, जिनके बारे में पूछने पर वह स्पष्ट और संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। इसके अलावा तकनीकी टीमों ने यह भी पाया है कि उसने अपने फोन से कुछ दस्तावेज और डेटा जानबूझकर डिलीट किए हैं, जिनकी रिकवरी की प्रक्रिया तकनीकी माध्यमों से शुरू कर दी गई है। यह दस्तावेज संभावित रूप से खुफिया सूचनाएं हो सकते हैं।
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पाकिस्तान से पारिवारिक रिश्ते, सात बार की यात्रा पर संदेह
शकूर खां, जैसलमेर जिले के बड़ोड़ा गांव की मंगलियों की ढाणी का निवासी है। उसके पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहीमयार खान, सक्खर और घोटकी क्षेत्रों में पारिवारिक संबंध हैं। इंटेलिजेंस को यह जानकारी मिली है कि वह पिछले कुछ वर्षों में सात बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है। जांच अधिकारी यह जानने में लगे हैं कि इन यात्राओं के पीछे केवल पारिवारिक उद्देश्य थे या फिर इसके पीछे किसी सुनियोजित जासूसी नेटवर्क का हिस्सा होने की मंशा थी।
पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद का निजी सचिव रहा है शकूर
सूत्रों के अनुसार, शकूर खां पोकरण विधायक रहे सालेह मोहम्मद के साथ निजी सहायक के तौर पर कार्यरत था। इसके बाद जब सालेह मोहम्मद राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, उस समय भी शकूर उनके करीबी सहयोगी के रूप में कार्यरत रहा। इस अवधि के दौरान उसे कई महत्वपूर्ण बैठकों और गोपनीय सरकारी दस्तावेजों तक पहुंच मिली थी, जिसकी जांच अब एजेंसियां कर रही हैं।
राजस्थान रोजगार विभाग में कार्यरत था, अधिकारियों को नहीं थी भनक
शकूर खां वर्तमान में राजस्थान सरकार के रोजगार विभाग में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत था। जिला रोजगार अधिकारी का कहना है कि जब इंटेलिजेंस ने यह कार्रवाई की, तब उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शकूर खां बहुत ही चतुराई और चुपचाप तरीके से अपने कार्य को अंजाम दे रहा था।
भारत में पाक दूतावास से संपर्क और संदिग्ध रिश्तेदारों की जांच
खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि शकूर खां भारत में पाकिस्तान दूतावास के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के संपर्क में था। यह भी संदेह है कि दूतावास के जरिए ही उसे निर्देश दिए जा रहे थे। साथ ही पाकिस्तान में उसके जिन रिश्तेदारों से संपर्क था, उनकी पृष्ठभूमि और संबंधों की भी गहन जांच की जा रही है।
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ज्योति मल्होत्रा केस से जुड़ सकते हैं तार
सूत्रों का कहना है कि शकूर खां का नाम हाल ही में सामने आए एक अन्य जासूसी मामले ज्योति मल्होत्रा प्रकरण से भी जुड़ सकता है। इस दिशा में भी जांच चल रही है कि क्या दोनों ने किसी साझा नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान को गोपनीय जानकारियां उपलब्ध करवाईं।
बैंक खातों की जांच और विदेशी फंडिंग की संभावना
संदेह के घेरे में आने के बाद शकूर खां और उसके परिजनों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। एजेंसियां यह जानने का प्रयास कर रही हैं कि क्या शकूर को किसी विदेशी स्रोत से आर्थिक सहायता या फंडिंग मिली है। अगर उसके बैंक खातों में संदिग्ध लेन-देन पाए जाते हैं तो यह मामला और गंभीर हो सकता है।
पुख्ता सबूत मिलने पर होगी गिरफ्तारी
हालांकि अभी तक शकूर खां की आधिकारिक गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन इंटेलिजेंस अधिकारियों का कहना है कि अगर पूछताछ में कोई ठोस सबूत सामने आते हैं तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल वह हिरासत में है और लगातार पूछताछ की जा रही है।