विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (सात जून) के उपलक्ष्य में सलूंबर में विशेष निरीक्षण अभियान की शुरुआत हो गई है। इस पांच दिवसीय अभियान की अगुवाई मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार परमार के मार्गदर्शन में की जा रही है। फूड सेफ्टी ऑफिसर घनश्याम सिंह सोलंकी के नेतृत्व में अन्नपूर्णा रसोइयों का निरीक्षण कर 11 खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र किए गए, जिन्हें जांच के लिए उदयपुर स्थित जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला भेजा गया है।
अन्नपूर्णा रसोई की गुणवत्ता पर कड़ी नजर
खाद्य सुरक्षा अधिकारी घनश्याम सिंह सोलंकी ने बताया कि दो जून से शुरू हुए इस विशेष अभियान के तहत सलूंबर शहर की दो अन्नपूर्णा रसोइयों एक तहसील कार्यालय के सामने और दूसरी गांधी चौक स्थित रसोई का निरीक्षण किया गया। इस दौरान लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, रिफाइंड सोयाबीन तेल, आटा और नमक सहित कुल 11 खाद्य सामग्रियों के नमूने लिए गए। इन नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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साफ-सफाई और पंजीयन के निर्देश
निरीक्षण के दौरान अन्नपूर्णा रसोई संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे अपने संचालन के लिए वैध खाद्य पंजीयन करवाएं और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए गुणवत्तापूर्ण भोजन आमजन को उपलब्ध कराएं। यह अभियान खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से आमजन के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।
कैंटीन, मॉल, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर भी नजर
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने आगे बताया कि यह अभियान केवल अन्नपूर्णा रसोई तक सीमित नहीं रहेगा। इसके तहत सरकारी व निजी अस्पतालों की कैंटीन, स्ट्रीट फूड विक्रेताओं, मॉल्स, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर संचालित खाद्य प्रतिष्ठानों का भी निरीक्षण व नमूनीकरण किया जाएगा।
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सात जून को लाइसेंस शिविर और मोबाइल फूड लैब
सात जून को विशेष रूप से मुख्य बाजार क्षेत्र में आशीर्वाद गार्डन के पास खाद्य लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें व्यापारियों और आमजन को खाद्य सुरक्षा अधिनियम की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब (एमएफटीएल) के माध्यम से खाद्य पदार्थों की त्वरित जांच और जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि जिले में हर नागरिक तक सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन पहुंचे। इस तरह के विशेष अभियानों से न केवल निगरानी मजबूत होती है, बल्कि नागरिकों में भी जागरूकता आती है।