केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज एक दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंच रहे हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य चौमूं के दादिया गांव में आयोजित सहकार एवं रोजगार उत्सव में भाग लेना है, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थ भी काफी गहरे माने जा रहे हैं। खासतौर पर भाजपा के प्रदेश संगठन को लेकर उनकी प्रस्तावित ‘वन टू वन’ बैठकें अहम मानी जा रही हैं, जिनसे संगठनात्मक बदलावों की संभावना जताई जा रही है।
दादिया में होने वाले इस आयोजन में अमित शाह राज्य को सहकारिता और रोजगार के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सौगातें देंगे। कार्यक्रम के दौरान आठ हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। इसके अलावा चौबीस अन्न भंडारण गोदाम और चौसठ मिलेट्स आउटलेट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया जाएगा। लगभग बारह सौ करोड़ रुपये के ऋण का वितरण किया जाएगा और दो हजार तीन सौ छियालिस माइक्रो एटीएम वितरित किए जाएंगे। कार्यक्रम में सौ पुलिस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा, दो उत्कृष्ट पैक्स को सम्मानित किया जाएगा और पीडीसीएस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का शुभारंभ भी किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, राज्य सरकार के कई मंत्रीगण, सांसद-विधायक और वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। आयोजन को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 को समर्पित किया गया है।
कार्यक्रम की समय-सारणी के अनुसार, अमित शाह दोपहर बाद सहकारिता विभाग की लघु फिल्म देखेंगे और फिर वर्चुअली अन्न गोदामों, मिलेट्स आउटलेट्स और ऋण वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद वे माइक्रो एटीएम और पीडीसीएस प्लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे। युवाओं को नियुक्ति पत्र देने और लाभार्थियों से संवाद करने का भी कार्यक्रम तय है। कार्यक्रम का समापन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के उद्बोधनों के साथ होगा।
हालांकि यह दौरा सहकारिता उत्सव पर केंद्रित है, लेकिन इसके राजनीतिक आयाम भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, अमित शाह इस दौरान भाजपा संगठन के अंदरूनी ढांचे पर भी गंभीर विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने अपने कार्यक्रम में से लगभग आधा घंटा संगठन से जुड़ी चर्चाओं के लिए निर्धारित किया है। यह बैठक संभवतः मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के साथ ‘वन टू वन’ फॉर्मेट में होगी।
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बताया जा रहा है कि इन बैठकों में प्रदेश संगठन के विस्तार, टीम गठन को अंतिम रूप देने, आगामी पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों की रणनीति और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में राजस्थान की भूमिका जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो शाह संगठन में अनुशासनहीनता, गुटबाजी और कार्यशैली में सुस्ती को लेकर नाराजगी भी जता सकते हैं। इसके संकेत हैं कि कुछ पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है और कुछ नए चेहरों को संगठन में शामिल किया जा सकता है।
अमित शाह की संभावित संगठनात्मक बैठक को देखते हुए भाजपा प्रदेश कार्यालय में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। कार्यालय में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। पुराने झंडों को हटाकर नए झंडे लगाए गए हैं और वरिष्ठ पदाधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है। पार्टी नेतृत्व ने हर कोना साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में आमजन की भागीदारी बढ़ने से कांग्रेस के वर्षों पुराने वर्चस्व को करारा झटका लगा है। अब उनके मठाधीशों को अपने पद जाने का डर सताने लगा है। राठौड़ ने यह भी कहा कि भाजपा प्रचार नहीं, सेवा आधारित कार्य संस्कृति में विश्वास रखती है। यही अमित शाह की कार्यशैली की विशेषता है और भाजपा की असली पहचान भी। इस प्रकार, अमित शाह का यह दौरा केवल सरकारी योजनाओं की सौगातों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके जरिए भाजपा के संगठनात्मक समीकरणों में भी अहम बदलावों की नींव रखी जा सकती है।