मलेरिया, डेंगू और अन्य मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिए राजसमंद जिले में शनिवार को ड्राई डे अभियान पूरे उत्साह और समर्पण के साथ मनाया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. हेमंत बिंदल के निर्देशन में जिलेभर में स्वास्थ्य विभाग की सभी इकाइयों ने इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई।
डॉ. बिंदल ने बताया कि सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं की टीमों ने घर-घर जाकर एंटी-लार्वा और एंटी-अडल्ट गतिविधियां संचालित कीं। इस दौरान टेमीफोस रसायन का छिड़काव, मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान, सोर्स रिडक्शन, लार्वा का निरीक्षण और तत्काल उपचार जैसे कार्य किए गए।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने प्रत्येक घर में संभावित मच्छर-जनित स्रोतों की गहन जांच कर लोगों को उन्हें साफ करने के लिए प्रेरित किया। अभियान की निगरानी ब्लॉक स्तर पर बीसीएमओ और बीपीएम द्वारा तथा सीएचसी और पीएचसी स्तर पर संबंधित मेडिकल ऑफिसर्स द्वारा की गई।
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सीएमएचओ डॉ. बिंदल ने कहा कि ड्राई डे जैसे नियमित अभियानों के माध्यम से हम जिले को मलेरिया, डेंगू और अन्य मच्छर जनित रोगों से मुक्त बनाने के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए जनसहभागिता और समय पर की गई रोकथाम सबसे प्रभावी उपाय हैं।
ड्राई डे के दौरान कार्यकर्ताओं ने घरों में लार्वा की पहचान कर उपचार करते हुए फोटो भी साझा किए। दीवारों पर गेरू से स्लोगन लिखे गए और कई स्थानों पर लार्वा के प्रत्यक्ष प्रदर्शन के माध्यम से आमजन को मच्छरों के प्रति जागरूक किया गया। सभी कार्यकर्ताओं को टेमीफोस सिरिंज और सर्वे फॉर्मेट से सुसज्जित किया गया, ताकि कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह जन-जागरूकता और रोकथाम अभियान आगामी प्रत्येक शनिवार को इसी प्रकार संचालित किया जाएगा, जिससे जिले को मच्छर जनित बीमारियों से मुक्त किया जा सके।