केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिलने का असर जनजाति बहुल बांसवाड़ा जिले में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। किसी समय पिछड़ा माने जाने वाला यह जिला अब प्रगति की राह पर अग्रसर है। जिले में 83 हजार से अधिक लोगों के गरीबी रेखा से ऊपर आने का दावा किया गया है।
दरअसल, खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित हो रहे अपात्र लाभार्थियों की पहचान और स्वैच्छिक त्याग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान में ‘गिवअप अभियान’ चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। संबंधित खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से निरीक्षण 31 अगस्त तक जारी रहेगा। निरीक्षण में चिन्हित अपात्र लाभार्थियों को तत्काल सूची से हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान में 22 लाख ने छोड़ा लाभ
3 जुलाई 2025 तक राज्य में 22 लाख 32 हजार लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ दिया है। इससे सरकार पर वार्षिक 409.39 करोड़ रुपये का वित्तीय भार कम होगा। यदि कोई अपात्र व्यक्ति 31 अगस्त तक अपना नाम सूची से नहीं हटवाता है, तो उससे 27 रुपये प्रति किलोग्राम रुपये की दर से वसूली की जाएगी, साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
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फॉर्म भरो, नाम हटवाओ
जिला रसद अधिकारी ओमप्रकाश जोतड़ ने बताया कि गिवअप अभियान के अंतर्गत 3 जुलाई तक बांसवाड़ा जिले में 83,600 लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना से पृथक किया गया है। कोई भी उपभोक्ता अपने नजदीकी राशन डीलर से फॉर्म लेकर भर सकता है या ऑनलाइन वेबसाइट food.rajasthan.gov.in पर आवेदन कर सकता है। उन्होंने पात्रता की शर्तों के आधार पर स्व-मूल्यांकन कर स्वेच्छा से योजना से बाहर आने की अपील की, ताकि वास्तव में जरूरतमंद लोग इस योजना का लाभ ले सकें।
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बांसवाड़ा तहसील में सर्वाधिक अपात्र
खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ने वालों की सर्वाधिक संख्या बांसवाड़ा तहसील में रही। रसद अधिकारी के अनुसार…
- आंबापुरा – 1,764
- आनंदपुरी – 7,859
- अरथूना – 6,820
- बागीदौरा – 6,644
- बांसवाड़ा – 10,303
- छोटी सरवन – 3,887
- गढ़ी – 10,254
- गांगड़तलाई – 7,758
- गनोड़ा – 4,227
- घाटोल – 9,709
- कुशलगढ़ – 8,105
- सज्जनगढ़ – 6,270