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केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस ऐतिहासिक संरचना के विध्वंस की निंदा की और इसे एक दुखद घटना बताया। उन्होंने मामले की जांच और उचित कार्रवाई की मांग की।
राव सूरजमल हाड़ा की छतरी।
– फोटो : अमर उजाला
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जनभावना को सर्वोच्च रखना व्यवस्था संचालकों की नैतिक जिम्मेदारी है।
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) September 21, 2024
शेखावत ने नाराजगी जाहिर करते हुए एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि बूंदी नरेश राव सूरजमल हाड़ा जी की छतरी को ध्वस्त करना एक दुखद और व्यथित करने वाली घटना है। क्या केडीए ने छतरी के ऐतिहासिक महत्व को जानते हुए भी यह कृत्य किया? इस संबंध में जांच और उचित कार्रवाई जरूरी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थान राजपूत समुदाय के लिए एक पवित्र स्थल था और उन्हें इस ध्वस्तीकरण के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई।
स्थानीय राजपूत समुदाय के सदस्य भरत सिंह के अनुसार, यह छतरी एक पवित्र स्थान थी, जहां हर रविवार को मेला लगता था और राव सूरजमल हाड़ा की मूर्ति की पूजा होती थी। उन्होंने कहा कि छतरी को ध्वस्त करने के बजाय स्थानांतरित किया जाना चाहिए था। इस घटना के विरोध में राजपूत समुदाय विरोध रैली निकालने की तैयारी कर रहा है।