सवाई माधोपुर के रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर बाघ के हमले में सात वर्षीय मासूम कार्तिक की मौत को लेकर बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस हृदयविदारक घटना पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मृत बालक के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की मांग की है।
विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि यह घटना केवल एक बालक की जान जाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे हजारों श्रद्धालुओं की आस्था, सुरक्षा और सरकार की जिम्मेदारी का प्रश्न भी खड़ा होता है। उन्होंने बताया कि बूंदी जिले के ग्राम गोहाटा, तहसील इन्द्रगढ़ निवासी सात वर्षीय कार्तिक सुमन, अपने परिवार के साथ त्रिनेत्र गणेश मंदिर में आमंत्रण देने गया था। वापस लौटते समय 16 अप्रैल को एक बाघिन ने अचानक झपट्टा मारकर बालक को अपना शिकार बना लिया और कार्तिक की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
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‘सरकार संवेदनशीलता दिखाए, मुआवजा दे’
विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि मृत बालक के परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर है, ऐसे में राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपए की सहायता मानवता और संवेदनशीलता की दृष्टि से आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य मामलों में हत्या या हिंसक घटनाओं के बाद सरकार द्वारा इतनी ही या अधिक राशि दी गई है, फिर इस दुःखद और भयावह घटना में परिजनों की मदद क्यों नहीं की जा रही?
‘वन विभाग की घोर लापरवाही’
विधायक ने घटना को वन विभाग की बड़ी विफलता करार देते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले मार्गों पर कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं थे। त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर रोजाना हजारों श्रद्धालु जाते हैं, फिर भी कोई निगरानी या अलर्ट सिस्टम मौजूद नहीं था। विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि घटना के बाद वन विभाग का कोई भी अधिकारी बालक के अंतिम संस्कार में तक शामिल नहीं हुआ, जो बेहद शर्मनाक है।
‘श्रद्धा और परंपरा पर चोट’
हरिमोहन शर्मा ने कहा कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर में विवाह से पूर्व आमंत्रण देने की परंपरा हिंदू समाज की आस्था और भावना से जुड़ी हुई है। इस प्रकार की घटना से लोगों में डर का माहौल बना है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार और वन विभाग समय रहते सतर्कता बरतते, तो यह घटना रोकी जा सकती थी।
‘सरकार को चेतावनी, भविष्य में हो पुख्ता इंतजाम’
विधायक ने सरकार से मांग की कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से तत्काल पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके। साथ ही त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले मार्ग पर वन विभाग की चौकसी, निगरानी व्यवस्था, चेतावनी बोर्ड, गश्ती दल और कैमरों जैसी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएं, ताकि भविष्य में कोई श्रद्धालु इस तरह की घटना का शिकार न हो।
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जनता में आक्रोश, आस्था पर संकट
बालक कार्तिक की मौत से जहां एक ओर स्थानीय ग्रामीणों में शोक और आक्रोश का माहौल है, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं के मन में त्रिनेत्र गणेश मंदिर की यात्रा को लेकर भय और चिंता भी व्याप्त हो गई है। लोगों का कहना है कि जब तक सरकार और प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाते, तब तक ऐसी यात्राएं असुरक्षित बनी रहेंगी।