बीकानेर. करीब दो साल से शहर में ट्रैफिक लाइटों के नाम पर कमाई का खेल चल रहा है। शहर के यातायात को व्यविस्थत करने के नाम पर निजी फर्म को ट्रैफिक लाइटें लगाने के लिए चौराहे सौंप रखे है। ट्रैफिक लाइटों के पोल खड़े कर उन पर विज्ञापन डिस्पले बोर्ड से कमाई का खेल तो बेखुबी चल रहा है लेकिन, मूल उद्देश्य ट्रैफिक मैनेजमेंट ठप पड़ा है। ऐसा एक-दो जगह नहीं 16 जगह लगी ट्रैफिक लाइटों में से 15 जगह पर हो रहा है। एक जगह म्यूजियम सर्किल पर ट्रैफिक लाइट चालू है वहां भी सिग्नल का टाइमर वाहन दबाव के अनुरूप नहीं होने से सुविधा से ज्यादा परेशानी का कारण बना हुआ है।ट्रैफिक लाइटों से ऑटोमेटिक वाहनों को नियंत्रित कर यातायात पुलिस का भार कम होना था। परन्तु हो रहा इसके उलट है। दिनभर रेड लाइट जल रही होने के बावजूद वाहनों के बेरोकटोक गुजरने से ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने की लोगों को आदत पड़ रही है। ऐसे में कभी ट्रैफिक सिग्नल लागू भी किए गए तो लम्बे समय से बनी आदत को सुधारना मुश्किल हो जाएगा। हैरानी की बात यह भी है कि ट्रैफिक लाइटों को चारों तरफ से विज्ञापन डिस्पले बोर्ड से घेरा हुआ है। जिन पर विज्ञापन से निजी फर्म अपनी जेब भर रही है। यदि ट्रैफिक लाइटों की आवश्यकता ही नहीं थी, तो विज्ञापन कमाई का रास्ता क्यों खोला गया, इसका कोई जवाब देने वाला नहीं है। यहां लगी है ट्रैफिक लाइटें हल्दीराम प्याऊ, सोफिया तिराहा, म्यूजियम सर्किल, श्रीगंगानगर सर्किल, पंडित धर्मकांटा, पूगल फांटा, पुलिस लाइन चौहारा, कुंज गेट, रानीबाजार सर्किल, आर्मी गेट, रामरतन कोचर सर्किल, जैन कॉलेज तिराहा, कोठारी हॉस्पिटल, मंडी गेट, सर्किट हाउस। स्कूलों व कॉलेज के आगे नहीं जेब्रा क्रॉसिंग शहर में स्कूल, कॉलेज व चिकित्सा संस्थानों के आगे सड़क पर कहीं पर भी जेब्रा व क्रॉसिंग लाइन नहीं है। इससे हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। जयपुर रोड पर डूंगर कॉलेज, केन्द्रीय विद्यालय और निजी स्कूलों के सामने भी जेब्रा व क्रॉसिंग लाइन नहीं है। एमएस कॉलेज के नजदीक पुलिस लाइन चौराहा, गंगाशहर मार्ग पर शिक्षण संस्थानों के सामने, पीबीएम अस्पताल और निजी अस्पतालों के सामने व्हाइट लाइनिंग नहीं है। प्राथमिकता से करवाएंगे कार्य ट्रैफिक मैनेजमेंट और सड़क सुरक्षा में रोड मार्किंग एवं रोड साइन का महत्वपूर्ण योगदान है। विशेषकर दोपहिया वाहन व पैदल राहगीरों के लिए मार्किंग रोड सुरक्षा का काम करती है। शहर में जितनी भी नई सड़कें है, उन सभी पर रोड मार्किंग जैसे रॉड क्रॉसिंग, एज लाइन, जेब्रा कॉसिंग व स्टॉप लाइन का कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा जहां कहीं आवश्यकता है, वहां रोड मार्किंग का कार्य करवाया जाएगा।विमल गहलोत, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी एवं रोड सेफ्टी एक्सपर्ट शहर में सड़कों पर जेब्रा लाइन, क्रॉसिंग, स्टॉप लाइन नहीं होने के साथ ट्रैफिक लाइटों के लाल-पीला होने का साइकल दुरुस्त नहीं है। ट्रैफिक लाइटें तो लग चुकी हैं लेकिन टाइमर नहीं होने से दिक्कत आ रही है। इसके लिए जयपुर मुख्यालय सहित स्थानीय स्तर पर भी संबंधित विभाग को अवगत कराया है। यूआईटी व जिला प्रशासन मिलकर जल्द ही शहर में ट्रैफिक लाइटों का सिस्टम चालू कराएंगे।किशन सिंह, उप पुलिस अधीक्षक यातायात
india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi
ENGLISH NEWS
ट्रैफिक सिग्नल से यातायात मैनेजमेंट फेल, विज्ञापन कमाई का चल रहा खेल | Traffic management fails due to traffic signals, game of advertising revenue continues

- Advertisement -