तकनीक… अपराधिक रोकने में पुलिस लेगी एआई का सहारा

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पुलिस मुख्यालय में एआई के संबंध में पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षित अधिकारियों को जिलों में प्रशिक्षण देने के लिए भेजा गया है। प्रत्येक जिले में आए प्रशिक्षित दो-दो पुलिस अधिकारी जिले में एआई का प्रशिक्षण देकर जवानों को अपडेट कर रहे है। यह होगा फायदा – घटना होने के बाद एआई के जरिए ट्रेसिंग में मदद। – अपराधों का प्रभावी ढंग से पता लगाना, रोकना व पहचान में मदद।- साइबर अपराधों से निपटने में तकनीक की सहायता लेना। – कठिन से कठिन कार्य सरलीकरण होंगे।- अनुसंधान के दौरान एआई का प्रयोग महत्वपूर्ण। – डाटा विश्लेषण कर अपराध के पैटर्न को समझना।- पुलिस अधिकारियों की दक्षता में वृद्धि करना।आंकड़ों पर नजर … – वर्ष 2024 में 3709 शिकायतें- 21 करोड़ 65 लाख 60 हजार रुपए की धोखाधड़ी – 77 लाख 17 हजार 721 रुपए साइबर पुलिस ने रिफंड कराए- 3 करोड़ 15 लाख 25 हजार रुपए होल्ड कराए दो साल में इतने ठगे जिला साइबर सेल में करीब दो साल में ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड होने की सात हजार 629 शिकायत मिली। साइबर ठगों ने लोगों से 29 करोड़ 37 लाख 46 हजार रुपए की ठगी की। पुलिस ने दो करोड़ 96 लाख 10 हजार रुपए लोगों को वापस दिलवा दिए। चार करोड़ 36 लाख 55 हजार रुपए बैंकों से संपर्क कर होल्ड करवाए। साइबर ठग 22 करोड़ 4 लाख 81 हजार रुपए हड़प चुके हैं। तकनीक से दक्ष होंगे पुलिसकर्मी अपराध को लगाम लगाने के लिए एआई के उपयोग की जानकारी होना जरूरी हो गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर पर विशेष मॉडयूल तैयार किए जा रहे हैं। इसके अनुसार पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साइबर अपराधों के मामले में बीकानेर जिले में टीम अच्छा कार्य कर रही है। एआई के प्रशिक्षण और इसकी उपयोगिता से पुलिसकर्मी मजबूत बनेेंगे। सौरभ तिवाड़ी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर

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