राजस्थान लोक सेवा आयोग में नई राजनीतिक नियुक्तियों का दरवाजा भजनलाल सरकार ने खोल दिया है। आयोग में चेयरमैन के अलावा 7 पद हैं जिनमें से 6 पद भरे हुए हैं और एक पद खाली है। आरपीएससी चेयरमैन की नियुक्ति हाल में सरकार ने डीजीपी उत्कल रंजन साहू को दी थी। वहीं, भरे हुए 6 पदों में से एक नाम बाबूलाल कटारा का है जो पेपर लीक के मामले में फिलहाल जेल में हैं। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री गोजाराम पटेल ने बताया कि सरकार ने बाबूलाल कटारा को आयोग के सदस्य के पद से हटाने के लिए राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा था। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास है। उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि पेपर लीक मामले के आरोपी बाबूलाल कटारा को हटाया जाएगा।
बता दें कि करीब चार महीने बाद हुई भजनलाल सरकार की कैबिनेट और मंत्रिपरिषद बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन के लिए दो साल की छूट देने का फैसला लिया गया। साल 2025-26 में कर्मचारियों को दो साल की छूट दी गई है।
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आरआईसी के गवर्निंग बोर्ड का पुनर्गठन
पूर्वगर्ती गहलोत सरकार में बनाए गए राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर(आरआईसी) के बोर्ड में अब सरकार का दखल बढ़ गया है। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर के प्रबंधन हेतु गठित कार्यकारी समिति एवं गवर्निंग बोर्ड के पुनर्गठन का निर्णय भी आज लिया गया। इसका प्रबंधन अब ‘राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर जयपुर सोसाइटी’ के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 6 सरकारी सदस्यों, 6 राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्यों, आरआईसी के 2 सदस्यों और आरआईसी निदेशक सहित 15 सदस्यीय गवर्निंग बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसी प्रकार कार्यकारी समिति का भी गठन किया जाएगा। अब तक बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेवारी पूर्व सीएस एनसी गोयल के पास थी। इसके अलावा आरआईसी के बोर्ड में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय में नियुक्त पदाधिकारी ही थे। बैठक में वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक का पद सृजन किया गया है, जिससे कृषि विभाग के कर्मचारियों को प्रमोशन के अधिक मौके मिलेंगे। इसके साथ ही सचिवालय के सेवा नियम 1954 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसमें सचिवालय सेवा के उप शासन सचिव व वरिष्ठ उपशासन सचिव के पदों का अनुमान 13:10 से बढ़ाकर 16:10 किए जाएंगे।
पिछली सरकार में बनी टाउनशिप पॉलिसी का अनुमोदन
कैबिनेट ने पिछली सरकार में बनी टॉउनशिप पॉलिसी का अनुमोदन भी किया है। इसमें टाउनशिप पॉलिसी की पालना सुनिश्चित करने के लिए एक राज्य स्तरीय निगरानी समिति भी बनाई जाएगी। जोगाराम पटेल ने बताया कि नई टाउनशिप पॉलिसी के तहत 7 प्रतिशत क्षेत्र को खेल व पार्क के लिए छोड़ना होगा। इसके अलावा टाउनशिप के पास काम करने वाले श्रमिकों के लिए भी इसमें जगह रिजर्व रखना अनिवार्य होगा। इसके अलावा बफर जोन भी रिजर्व रखना होगा।
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शिक्षक के सीएएस के लिए रिफ्रेशर कोर्स की छूट बढ़ाई
डिप्टी सीएम डॉ. प्रेम चंद बैरवा ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति एवं करियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के तहत उनकी पदोन्नति को लेकर यूजीसी द्वारा समय-समय पर विनियम जारी किए जाते हैं। यूजीसी विनियम-2018 के तृतीय संशोधन में शिक्षकों को सीएएस हेतु रिफ्रेशर अथवा ऑरिएंटेशन कोर्स करने की छूट 31 दिसम्बर 2023 तक एवं चतुर्थ संशोधन में 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ाई गई है। राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियम-1986 में यूजीसी विनियम 2018 के तृतीय एवं चतुर्थ संशोधन के अनुरूप प्रावधान शामिल नहीं होने के कारण बहुत से शिक्षक करियर एडवांसमेंट स्कीम के अन्तर्गत पदोन्नति से वंचित हो रहे थे। राज्य सरकार ने अब इन संशोधनों को सेवा नियमों में शामिल करने का निर्णय किया है। इससे उच्च शिक्षा विभाग के अधीन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति का अनुमोदन
कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति, 2025 का अनुमोदन भी मंत्रिमंडल द्वारा किया गया। इससे राज्य में कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी और स्वच्छ, सुरक्षित व पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस की पहुंच आमजन तक सुलभ हो सकेगी। इस नीति से सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इससे पीएनजी एवं सीएनजी नेटवर्क का छोटे शहरों व नगरों में तेजी से विस्तार हो सकेगा। इस नीति में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए अनुमति, भूमि आवंटन एवं अनुमोदन की प्रक्रिया को समयबद्ध एवं सरल बनाया गया है। इसके लिए सीजीडी पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। यह नीति 31 मार्च 2029 तक अथवा अन्य नीति लागू होने तक प्रभावी रहेगी।
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ऊर्जा क्षेत्र में 3 ज्वाइंट वेंचर कंपनियों के गठन को मंजूरी
8 अगस्त 2024 और 29 सितम्बर 2024 को राज्य सरकार और 3 केन्द्रीय पीएसयू के बीच हुए एमओयू की अनुपालना में तीन ज्वाइंट वेंचर कंपनियों के गठन के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। इन जेवी कंपनियों में राज्य सरकार की कंपनियों की शेयर हॉल्डिंग के लिए वर्तमान परिसंपत्तियों से अंश पूंजी की व्यवस्था की जाएगी। इन जेवी से राज्य में अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी, जो बिजली की पीक लोड डिमांड को पूरा करेगा। साथ ही, बिजली उत्पादन में प्रदेश के वित्तीय भार में कमी आएगी।