नागौर जिले के जारोड़ा निवासी डॉ. राकेश विश्नोई की आत्महत्या के मामले में परिजन बीते चार दिनों से सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हैं। परिजनों का आरोप है कि जोधपुर स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर राकेश ने आत्महत्या की। वे विभागाध्यक्ष के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।
धरने को समर्थन देने के लिए मंगलवार को राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पुनिया धरना स्थल पहुंचे, लेकिन पुलिस ने टेंट लगाने और बैठने तक की इजाजत नहीं दी। धरनार्थियों को हटाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया, जिससे मौके पर तनाव का माहौल बन गया।
हनुमान बेनीवाल पहुंचे धरना स्थल
धरना स्थल पर पुलिस द्वारा छात्र नेता निर्मल चौधरी के साथ कथित अभद्रता की जानकारी मिलते ही नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल जयपुर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने मोर्चा संभालते हुए कहा कि जब तक दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बेनीवाल ने कहा कि अब मैं आ गया हूं, अब किसी को यहां से कोई नहीं हटा सकता। आंदोलन अब और उग्र होगा और तब तक चलेगा, जब तक परिजनों को न्याय नहीं मिलेगा।
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क्या है मामला?
डॉ. राकेश विश्नोई नागौर जिले के मेड़ता उपखंड के जारोड़ा गांव निवासी थे और जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी कर रहे थे। शनिवार को उन्होंने कथित तौर पर विभागाध्यक्ष की प्रताड़ना से परेशान होकर सुसाइड नोट लिख आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही सांसद हनुमान बेनीवाल जोधपुर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद परिजन राकेश को जयपुर के एसएमएस अस्पताल लेकर आए, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और मोर्चरी के बाहर धरना शुरू कर दिया। उनकी मांग है कि विभागाध्यक्ष पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की जाए।
पुलिस रवैये पर सवाल
धरना स्थल पर टेंट लगाने की कोशिश को पुलिस ने रोका और मौजूद छात्र नेताओं को भी हटाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस द्वारा निर्मल चौधरी के साथ धक्का-मुक्की की भी सूचना है। बेनीवाल के पहुंचने के बाद स्थिति में बदलाव आया और पुलिस ने अपना रुख नरम कर लिया।
बेनीवाल का सरकार पर तीखा हमला
धरने को संबोधित करते हुए हनुमान बेनीवाल ने भजनलाल शर्मा सरकार को संवेदनहीन बताया। उन्होंने कहा कि सरकार प्रशासन पर दबाव बनाकर मामले को रफा-दफा करना चाहती है, लेकिन यह अब सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की अस्मिता का सवाल है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषी विभागाध्यक्ष की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।