राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन थाना क्षेत्र के अंगोरा गांव में इन दिनों एक अनोखा और संवेदनशील आंदोलन देखने को मिल रहा है। यहां पर्यावरण प्रेमी और बिश्नोई समाज के लोग हिरणों को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठे हैं। खास बात यह है कि हिरणों के अवशेषों को डीप फ्रीजर में रखकर प्रदर्शन किया जा रहा है, ताकि सबूत सुरक्षित रह सकें और जांच में किसी तरह की बाधा न आए।
दो हिरणों के शव मिलने से मचा हड़कंप
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को अंगोरा गांव की पुलिया के पास एक कट्टे में दो हिरणों के अवशेष मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। खबर फैलते ही आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी, विशेष रूप से बिश्नोई समाज के लोग मौके पर पहुंच गए। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए तुरंत धरना शुरू कर दिया। साथ ही घटनास्थल पर डीप फ्रीजर मंगवाया गया और हिरणों के शवों को उसमें रखा गया।
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धरने पर बैठे पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि शवों को डीप फ्रीजर में रखने का मकसद यह है कि वे सड़ें नहीं और फॉरेंसिक जांच में इस्तेमाल हो सकें। उनका स्पष्ट कहना है कि यह केवल प्रदर्शन नहीं, बल्कि न्याय की मांग है। वे चाहते हैं कि जांच निष्पक्ष और वैज्ञानिक आधार पर हो, ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
फॉरेंसिक जांच और मांस की दुकानों की जांच की मांग
पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन से मांग की है कि हिरणों की मौत के कारणों की गहराई से जांच की जाए और इसके लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली जाए। साथ ही उन्होंने यह आशंका भी जताई है कि कहीं आस-पास के इलाके में हिरणों का मांस तो अवैध रूप से नहीं बेचा जा रहा। उन्होंने मांस की दुकानों की जांच की मांग भी की है, ताकि किसी प्रकार की अवैध गतिविधि का पर्दाफाश हो सके।
वन विभाग की कार्रवाई, पर अब तक कोई ठोस सफलता नहीं
इस पूरे मामले में वन विभाग भी सक्रिय हुआ है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार कुछ संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए डिटेन किया गया है, लेकिन अब तक कोई विशेष सफलता हाथ नहीं लगी है। अधिकारियों का कहना है कि हिरणों की मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है और सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
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बिश्नोई समाज की भूमिका
बिश्नोई समाज लंबे समय से वन्यजीव संरक्षण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता आया है। हिरणों के संरक्षण के प्रति उनकी संवेदनशीलता जगजाहिर है। यही कारण है कि जैसे ही गांव में हिरणों के अवशेष मिले, समाज के लोग तत्काल एकजुट होकर न्याय की मांग के लिए धरने पर बैठ गए।