आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर की जा रही तैयारियों के तहत मंगलवार को बालोतरा के ज्योतिबा फूले स्टेडियम, जसोल फांटा में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मुख्य सचिव के निर्देशों की अनुपालना में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य विभिन्न आपदा स्थितियों में प्रशासनिक और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और समन्वय क्षमताओं का मूल्यांकन करना था।
दोपहर 12:30 बजे प्रारंभ हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा सदस्य, शारीरिक शिक्षक, अग्निशमन विभाग के अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की निगरानी उपखंड अधिकारी अशोक कुमार द्वारा की गई, जिन्होंने उपस्थित दलों को आपदा प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराया।
अभ्यास के उद्देश्यों पर उपखंड अधिकारी ने बताया कि “यह अभ्यास केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि भविष्य की किसी भी आपातकालीन स्थिति में जान-माल की रक्षा हेतु हमारी तैयारियों की परीक्षा है। हम इस अभ्यास को गांव स्तर तक विस्तार देने की योजना बना रहे हैं, जिससे नागरिक सुरक्षा का संदेश हर गांव और हर व्यक्ति तक पहुंचे।”
उन्होंने बताया कि इस अभ्यास के दौरान हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली की प्रभावशीलता का व्यावहारिक परीक्षण किया गया, भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन एवं रेडियो लिंक की कार्यशीलता की जांच की गई, जिले के नियंत्रण कक्षों की तत्परता एवं समन्वय क्षमताओं का आकलन किया गया, स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों सहित आम नागरिकों को आपातकालीन व्यवहार, सुरक्षा उपायों और सामूहिक बचाव तकनीकों की जानकारी दी गई।
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ब्लैकआउट के संबंध में विशेष दिशानिर्देश
पुलिस विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया कि हवाई हमले जैसी किसी भी स्थिति में चेतावनी सायरन बजते ही नागरिकों को तुरंत अपने घरों, दुकानों, वाहनों और सार्वजनिक स्थानों पर जलने वाली सभी प्रकार की लाइट्स बंद करनी होंगी। इसमें मोबाइल टॉर्च, रोड लाइट, हाईमास्ट लाइट, एनएचएआई और स्टेट हाईवे पर लगी लाइटें, टोल नाकों की लाइटें तथा वाहन की हेडलाइट्स भी शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि लाइट की मौजूदगी से दुश्मन द्वारा किसी स्थान को ट्रेस करने की आशंका रहती है। इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं और इन्हें ग्राम स्तर तक पहुँचाने की योजना बनाई गई है ताकि हर नागरिक तक यह महत्वपूर्ण संदेश पहुंचे।
सार्वजनिक सहभागिता पर विशेष बल
उपखंड अधिकारी अशोक कुमार ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस अभ्यास को केवल सरकारी प्रक्रिया मानकर नजरअंदाज न करें, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाते हुए इसमें पूरी सजगता और सक्रियता के साथ भाग लें। उन्होंने कहा, “यह प्रशिक्षण हमें बताता है कि आपदा की घड़ी में हम कैसे अपने परिवार, समाज और क्षेत्र की रक्षा कर सकते हैं। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस अभियान में सहभागी बनें और बालोतरा को नागरिक सुरक्षा की दिशा में एक सशक्त मॉडल बनाएं।”
प्रशिक्षण में विभागीय समन्वय दिखा प्रभावी
इस अवसर पर पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग, नगर परिषद, अग्निशमन विभाग, शिक्षण संस्थान, स्वयंसेवी संस्थाएं और नागरिक सुरक्षा से जुड़े अनेक विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने आपस में बेहतर समन्वय का प्रदर्शन किया और आपातकालीन परिस्थितियों में अपने-अपने दायित्वों के प्रति सजगता दिखाई।